Urdu Literature | उर्दू कवियों के लिए सुनहरा अवसर! रचनाएं भेजें आज ही!
जिला उर्दू नामा वार्षिक पत्रिका के लिए उर्दू रचनाएं आमंत्रित | Urdu Literature
मधुबनी, 20 सितंबर 2024: जिले के उर्दू प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। उर्दू भाषा कोषांग, मधुबनी द्वारा वार्षिक पत्रिका ‘जिला उर्दू नामा – 2024-25’ के लिए उर्दू की रचनाओं की मांग की गई है। इस पत्रिका में प्रमुखता से सामाजिक और साहित्यिक मुद्दों पर लिखे गए लेख, नज़्म और ग़ज़ल को शामिल किया जाएगा।
रचनाओं की आमंत्रण अवधि | Urdu Literature
- अखिरी तिथि: 30 सितंबर 2024
- संबंधित ईमेल: mdmuhtada@gmail.com
- संपर्क कार्यालय: उर्दू भाषा कोषांग, मधुबनी
रचनाओं की आवश्यकताएं | Urdu Literature
- प्रकार की रचनाएं:
- लेख
- नज़्म
- ग़ज़ल
- विषय:
- सामाजिक मुद्दे
- साहित्यिक मुद्दे
- प्रस्तुतिकरण:
- उर्दू में टाइप की गई रचनाएं
- पूरा पता, मोबाइल नंबर और फोटो के साथ
रचनाकारों के लिए महत्वपूर्ण बातें | Urdu Literature
- जिले के रचनाकार ही पात्र: केवल मधुबनी जिले के लेखक, कवि, और ग़ज़लकार अपनी रचनाएं भेज सकते हैं।
- मानदेय: प्रकाशित रचनाओं के लिए किसी भी प्रकार का मानदेय नहीं दिया जाएगा।
प्रस्तुतिकरण की विधि | Urdu Literature
रचनाकार अपनी रचनाएं दो तरीकों से प्रस्तुत कर सकते हैं:
- ईमेल के माध्यम से: mdmuhtada@gmail.com
- कार्यालय में जमा: उर्दू भाषा कोषांग, मधुबनी
उपयोगकर्ता की प्रतिक्रिया | Urdu Literature
मेराज अहमद, जिला उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी ने कहा, “हमारी कोशिश है कि इस पत्रिका के माध्यम से उर्दू भाषा की समृद्धि और विविधता को बढ़ावा दिया जा सके। हमें आशा है कि जिले के उर्दू रचनाकार अपनी बेहतरीन रचनाएं हमें भेजेंगे।”
रचनाकारों के लिए सुझाव:
- समाजिक और साहित्यिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें।
- रचनाएं साफ और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करें।
संपर्क जानकारी | Urdu Literature
- ईमेल: mdmuhtada@gmail.com
- पता: उर्दू भाषा कोषांग, मधुबनी
इस अवसर का लाभ उठाते हुए उर्दू साहित्य के प्रेमी अपनी रचनाओं को पत्रिका के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं। ‘जिला उर्दू नामा’ 2024-25 आपके साहित्यिक योगदान का मंच प्रदान करने के लिए तैयार है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
- फोन: [संलिप्त फोन नंबर]
- वेबसाइट: [उर्दू भाषा कोषांग की वेबसाइट]
इस प्रकार की घोषणाओं से उर्दू भाषा और साहित्य को न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिलता है। मधुबनी जिले के उर्दू साहित्यकारों को इस अवसर का लाभ उठाने की सलाह दी जाती है।
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