Spiritual Enlightenment | उज्जैन में पर्यूषण: पुण्य अर्जन की अद्भुत विधियाँ!
जिनवाणी का श्रवण: आत्म कल्याण का मार्ग
उज्जैन में पर्यूषण महापर्व की धूम | Spiritual Enlightenment
उज्जैन के महिदपुर रोड पर आयोजित पर्यूषण महापर्व के दूसरे दिन अष्ठानिका के प्रवचन में जावरा स्वाध्याय मंडल के स्वाध्याय बंधु सचिन भंडारी ने धार्मिक सभा को संबोधित किया। भंडारी ने अपने प्रवचन में परमात्मा की वाणी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इसे सुनने से व्यक्ति के जीवन में आत्म कल्याण होता है।
धर्म और पुण्य की महिमा | Spiritual Enlightenment
सचिन भंडारी ने धर्म सभा में बताया कि:
- परमात्मा की वाणी सुनने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
- अधर्मी भी धर्मी बन सकता है यदि वह परमात्मा की वाणी को सुने और समझे।
- धर्म के प्रभाव से ही जीवन में धन और सुख की प्राप्ति होती है।
धर्म का महत्व
- धर्म के बिना जीवन अधूरा रहता है।
- कठिनाइयाँ और दुख जीवन में आते हैं, लेकिन धर्म को अपनाने से इनका सामना करना आसान हो जाता है।
पर्यूषण महापर्व की तपस्या | Spiritual Enlightenment
पर्यूषण महापर्व के दौरान, श्रावक और श्राविकाएं कठिन तपस्या कर रहे हैं। वे गर्म जल पर उपवास, बेला तेला जैसी कठिन तपस्याओं के माध्यम से अपने कर्मों की निर्जला कर पुण्य का उपार्जन कर रहे हैं।
तपस्या के प्रकार:
- गर्म जल उपवास
- बेला तेला
- निर्जला उपवासी
इन तपस्यों से व्यक्ति के पुण्य की वृद्धि होती है और पापों की प्रवृत्तियाँ कम होती हैं।
धार्मिक आयोजन और सजावट | Spiritual Enlightenment
इस मंगलकारी अवसर पर, सकल जैन श्री संघ समाज के सभी वरिष्ठ महानुभाव, नवयुवक, महिलाएं, बहु, तरुण और बालिकाएं उपस्थित थे।
धार्मिक आयोजनों में शामिल हुए प्रमुख लोग:
- रमेश चंद दिनेश जैन बौस
- राजेश कुमार राहुल कुमार बोथरा परिवार
सुविधिनाथ जैन मंदिर में विभिन्न प्रकार के धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया गया।
आकर्षक सजावट:
- शुद्ध नाथ जैन मंदिर को विद्युत सज्जा से सजाया गया।
समाज की प्रतिक्रिया | Spiritual Enlightenment
जैन समाज के मीडिया प्रभारी सचिन भंडारी ने बताया कि इस पर्व के दौरान सभी धार्मिक आयोजन और तपस्यों ने समाज में एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया।
संबंधित उद्धरण:
सचिन भंडारी ने कहा, “इस पर्व के दौरान की गई तपस्याएँ और धार्मिक गतिविधियाँ आत्म कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।”
निष्कर्ष | Spiritual Enlightenment
पर्यूषण महापर्व आत्मा की शुद्धता और धर्म के प्रति समर्पण की भावना को प्रकट करता है। यह पर्व न केवल पुण्य अर्जन का अवसर है, बल्कि एक व्यक्ति की आत्मा की गहराई में जाकर उसे आत्मिक सुख और शांति प्रदान करने का भी माध्यम है।
इस महापर्व की धूम और धार्मिक आयोजनों ने साबित कर दिया है कि धर्म और पुण्य की राह पर चलकर ही आत्म कल्याण संभव है।
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