School Scandal | सागर में सरकारी स्कूल का चौंकाने वाला खुलासा!
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हो रही धांधली: शिक्षकों की मनमानी से बच्चों का भविष्य खतरे में
मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित शासकीय माध्यमिक शाला बीजरी में शिक्षा विभाग की अव्यवस्था और शिक्षकों की मनमानी की एक गंभीर घटना सामने आई है। इस स्कूल में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जहां शिक्षक मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं।
शिक्षकों की मनमानी: बच्चों की उपेक्षा | School Scandal
शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार, स्कूलों को सुबह 10:30 से शाम 4:30 बजे तक संचालित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने भी इस बात पर जोर दिया था कि सभी शिक्षक इन समय सारिणी का सख्ती से पालन करें। लेकिन शासकीय माध्यमिक शाला बीजरी में इसका पालन नहीं हो रहा है।
- स्कूल का समय: सुबह 10:30 से शाम 4:30 तक
- वास्तविक समय: सुबह 11:30 से दोपहर 3:40 तक
- बच्चों की देखभाल में कमी
रिपोर्ट: शिक्षकों की गैरहाजिरी और लापरवाही | School Scandal
स्थानीय संवाददाता चाली राजा ठाकुर की रिपोर्ट के अनुसार, इस स्कूल में शिक्षकों की मनमानी का सिलसिला जारी है। बच्चों की देखभाल और शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जब हमारी टीम स्कूल पहुंची, तो एक शिक्षक को मोबाइल फोन पर बात करते हुए पाया गया। इस दौरान बच्चों को आवारा घूमते हुए देखा गया।
छात्रों का बयान:
- अंशुल यादव, कक्षा 8वीं: “अरुण यादव रोज आते हैं, लेकिन धीरेंद्र सर और हेड मास्टर रोज नहीं आते। बाकी मासाब कभी-कभी आते हैं।”
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया:
- वीर सिंह यादव: “स्कूल 11:30 बजे खुलता है और 3:30 बजे बंद हो जाता है।”
- तेज सिंह: “स्कूल 11:40 बजे खुलता है और 3:40 बजे बंद हो जाता है।”
प्रशासन की नाकामी: शिक्षा अधिकारी की चुप्पी | School Scandal
जब जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और कोई बयान देने से इनकार कर दिया। यह दर्शाता है कि स्थानीय प्रशासन इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
समय सारणी | स्कूल समय |
---|---|
निर्देशित समय | 10:30 – 4:30 |
वास्तविक समय | 11:30 – 3:40 |
निष्कर्ष: बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ | School Scandal
शिक्षा विभाग की इस लापरवाही से बच्चों का भविष्य खतरे में है। स्कूल समय में कटौती और शिक्षकों की गैरहाजिरी से छात्रों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल उठना स्वाभाविक है, जब शिक्षक खुद अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे हैं और सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
क्या होगा अगला कदम? | School Scandal
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के आदेशों की अवहेलना और शिक्षकों की मनमानी पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
Important Points:
- सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था
- बच्चों के भविष्य का खतरा
- मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना
- जिला प्रशासन की चुप्पी
शिक्षा एक महत्वपूर्ण स्तंभ है जिस पर हमारे देश का भविष्य टिका है। यदि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े हो सकते हैं।
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