Sayani Ghosh BJP Criticism | बीजेपी की नीतियों पर सायनी घोष का जोरदार हमला!
“ममता की सांसद Sayani Ghosh की स्पीच से BJP को बढ़ी टेंशन, पहली बार में ही बिरला और BJP को धो दिया”
रिपोर्ट: नई दिल्ली, 5 अगस्त 2024
पार्लियामेंट में गूंजे आरोप और खुलासे | Sayani Ghosh BJP Criticism
पश्चिम बंगाल की सांसद सायनी घोष की हालिया स्पीच ने भारतीय राजनीति में तहलका मचा दिया है। उनके भाषण ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कठघरे में खड़ा कर दिया है। घोष ने अपने पहले भाषण में ही भाजपा की नीतियों और कार्यशैली पर तीखा हमला बोला।
स्पीच की मुख्य बातें | Sayani Ghosh BJP Criticism
- आरोप और आलोचना: सायनी घोष ने अपनी स्पीच में BJP पर आरोप लगाया कि वे किसानों की समस्याओं और पशुपालन के मुद्दों को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “चाय से शुरू हुई थी सरकार और गाय पर अटक गई, और विकास की मौसी 10 साल में रास्ते में भटक गई।”
- पशुपालन संकट: घोष ने पशुपालन क्षेत्र की बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता जताई। उनके अनुसार, “सरकार के नाकारात्मक प्रबंधन की वजह से किसान और पशुपालक दोनों ही संकट में हैं।”
घोष का आक्रोश: | Sayani Ghosh BJP Criticism
घोष ने अपनी बात रखते हुए कहा, “हमारे किसानों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें अपनी गाय-भैंस बेचनी पड़ रही है। पिछले 10 सालों में 11,000 किसानों ने आत्महत्या की है।”
सहयोग और समर्थन | Sayani Ghosh BJP Criticism
घोष ने ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के प्रति आभार जताते हुए कहा, “मैं जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं का धन्यवाद देती हूँ, जिन्होंने मुझे भारी बहुमत से चुना और संसद में भेजा।”
संसद में सायनी घोष का बयान: | Sayani Ghosh BJP Criticism
“मैं यहाँ बंगाल के लोगों के हक की बात करने आई हूँ। हमारी मुख्यमंत्री, जो इस देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं, का माइक नीति आयोग की मीटिंग में बंद कर दिया गया। यह सरकार की तानाशाही का प्रमाण है।”
तथ्य और आँकड़े: | Sayani Ghosh BJP Criticism
मुद्दा | आँकड़े |
---|---|
किसानों की आत्महत्याएँ | 11,000 आत्महत्याएँ पिछले 10 वर्षों में |
गायों की मौत | 74,000 गायों की मौत बीजेपी शासित राज्यों में |
दूध उत्पादन में भारत की स्थिति | विश्व में दूध उत्पादन में नंबर 1 |
उद्धरण:
“हमारे किसान अपनी मवेशियों को अपनी फसल की तरह मानते हैं। लेकिन सरकार ने उन्हें भूखा और संकट में छोड़ दिया है।” – सायनी घोष
निष्कर्ष:
सायनी घोष की स्पीच ने भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। उनकी खुलासे और आलोचनाएँ BJP की नीतियों और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे और आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव की जरूरत है।
Sitesh Choudhary
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