Sachin Tendulkar 194* Declaration Controversy | राहुल द्रविड़ का बड़ा निर्णय: सचिन तेंडुलकर नाराज़ क्यों?
सचिन तेंडुलकर के असंतोष की पहली बार झलक: पूर्व भारतीय खिलाड़ी का बयान, मुल्तान टेस्ट में 194* पर डिक्लेरेशन के विवाद पर | Sachin Tendulkar 194* Declaration Controversy
मुल्तान टेस्ट: एक ऐतिहासिक मुकाबला | Sachin Tendulkar 194* Declaration Controversy
भारत और पाकिस्तान के बीच 2004 का मुल्तान टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक मैच के रूप में दर्ज है। इस मैच में भारत के वीरेंद्र सहवाग ने 309 रन की शानदार पारी खेली, जो एक भारतीय क्रिकेटर द्वारा टेस्ट क्रिकेट में पहली तिहाई सदी थी। लेकिन इस टेस्ट मैच का एक और विवादास्पद पहलू भी था जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में उभरा।
सचिन तेंडुलकर और डिक्लेरेशन की घटना | Sachin Tendulkar 194* Declaration Controversy
भारत ने पहले पारी में 675/5 का स्कोर खड़ा किया था, और सचिन तेंडुलकर 194 रन पर नाबाद थे। अचानक कप्तान राहुल द्रविड़ ने पहली पारी की डिक्लेरेशन का निर्णय लिया, जिससे तेंडुलकर अपने दोहरे शतक से चूके। यह निर्णय भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा मैच की स्थिति को देखते हुए लिया गया था, लेकिन इसके परिणामस्वरूप तेंडुलकर छे रन दूर रह गए। इस निर्णय को लेकर सचिन तेंडुलकर का असंतोष स्पष्ट था और इसे प्रशंसकों और विशेषज्ञों द्वारा व्यापक रूप से आलोचना का सामना करना पड़ा।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी का बयान | Sachin Tendulkar 194* Declaration Controversy
पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने हाल ही में इस घटना पर अपनी राय साझा की और कहा कि इस दिन तेंडुलकर “असंतुष्ट” थे। चोपड़ा ने कहा,
“मैं ड्रेसिंग रूम में था, लेकिन मैं उस बातचीत का हिस्सा नहीं था। सच कहूं तो, मैं उसमें शामिल भी नहीं होना चाहता था क्योंकि मैं बहुत युवा था। हां, पाजी उस दिन खुश नहीं थे। मुझे लगता है मैंने उन्हें पहली बार असंतुष्ट देखा। मैंने उन्हें कभी गुस्सा नहीं होते देखा, और उस दिन उन्होंने गुस्सा नहीं दिखाया लेकिन वे स्पष्ट रूप से असंतुष्ट थे। कुछ ठीक नहीं था।”
चोपड़ा ने यह भी स्पष्ट किया कि डिक्लेरेशन का निर्णय पूरी टीम का था, न कि केवल द्रविड़ का। उन्होंने कहा कि सौरव गांगुली भी उस दिन ड्रेसिंग रूम में थे और उन्होंने इस निर्णय में हिस्सा लिया। चोपड़ा के मुताबिक,
“राहुल ने कॉल किया, लेकिन दादा (गांगुली) भी उस दिन ड्रेसिंग रूम में थे। वे खेल में नहीं थे, लेकिन वे ड्रेसिंग रूम में थे और मुझे यकीन है कि वे निर्णय लेने वाली टीम का हिस्सा थे। यह केवल कप्तान का निर्णय नहीं था।”
राहुल द्रविड़ का बयान | Sachin Tendulkar 194* Declaration Controversy
मैच के बाद, राहुल द्रविड़ ने कहा था कि अगर उन्हें पता होता कि मैच 4 दिनों में समाप्त हो जाएगा, तो वे डिक्लेरेशन का निर्णय नहीं लेते। द्रविड़ की प्रतिक्रिया को लेकर चोपड़ा ने कहा,
“राहुल ने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि मैच 4 दिनों में खत्म हो जाएगा, तो वे डिक्लेरेशन नहीं देते। राहुल के साथ, यह संभव है कि आप सहमत या असहमत हो सकते हैं। लेकिन आप उनके निर्णय पर संदेह नहीं करते। आप जानते हैं कि अगर वे उसी स्थिति में होते, तो वे वही निर्णय लेते।”
निष्कर्ष | Sachin Tendulkar 194* Declaration Controversy
इस घटना ने क्रिकेट प्रेमियों को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया कि खेल के फैसलों के पीछे टीम की पूरी सोच होती है और कभी-कभी व्यक्तिगत असंतोष भी सार्वजनिक आलोचना का हिस्सा बन जाता है। सचिन तेंडुलकर का असंतोष और राहुल द्रविड़ का निर्णय भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बने हुए हैं।
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