BJP के वरिष्ठ नेताओं को राज्यपाल बनाकर हाशिये पर क्यों?
राजस्थान में वरिष्ठ BJP नेताओं को राज्यपाल नियुक्ति: क्या यह उनकी सुस्त मार्जिनिंग का संकेत है?
28 जुलाई 2024, जयपुर: राजस्थान में वरिष्ठ BJP नेताओं की राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के बाद, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इन नियुक्तियों के माध्यम से पार्टी के प्रमुख चेहरे, जो राज्य की राजनीति में शक्ति के केंद्र बन सकते थे, को हाशिये पर धकेला जा रहा है।
मुख्य बातें:
- Om Prakash Mathur: BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दो बार के राज्यसभा सदस्य को सिक्किम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी सहयोगी रहे हैं।
- Gulab Chand Kataria: उदयपुर क्षेत्र के प्रमुख नेता और वर्तमान में असम के राज्यपाल को अब पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है।
- Vasundhara Raje: दो बार की मुख्यमंत्री और बीजेपी की प्रमुख नेता ने अभी तक कोई ठोस प्रस्ताव प्राप्त नहीं किया है।
राज्यपाल नियुक्तियों की विश्लेषण:
Om Prakash Mathur की नियुक्ति:
- पृष्ठभूमि: Mathur, जो 72 वर्ष के हैं, RSS से जुड़े हुए हैं और Pali जिले के Falna क्षेत्र से आते हैं। उन्होंने गुजरात, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं हैं।
- राजनीतिक परिदृश्य: उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें राजस्थान की राजनीति से बाहर रखा जा रहा है। Mathur ने बताया कि वह इस संवैधानिक पद के ग्रहण के बाद सक्रिय राजनीति से संन्यास लेंगे।
- विश्लेषण: "Mathur, Kataria और Raje जैसे वरिष्ठ नेताओं को हाशिये पर धकेलकर, BJP शीर्ष नेतृत्व नये और कम अनुभवी नेताओं को मौका दे रहा है," वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक नारायण बरेठ ने बताया।
Gulab Chand Kataria की स्थिति:
- नियुक्ति: Kataria, जो 79 वर्ष के हैं और उदयपुर क्षेत्र में अत्यधिक प्रभावशाली नेता हैं, को पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति उनके लिए असम की भूमिका से दूर हटने का संकेत देती है।
- राजनीतिक परिदृश्य: असम में रहते हुए, Kataria ने राजस्थान के दौरे पर अक्सर आना-जाना किया और Raje के साथ एक बैठक ने कई अटकलें शुरू की।
- विश्लेषण: पंजाब में उनकी भूमिका AAP की सत्ता के चलते चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
Vasundhara Raje की स्थिति:
- वर्तमान स्थिति: Raje, जिन्होंने राजस्थान में BJP को सबसे बड़ी जीत दिलाई थी, ने लोकसभा चुनावों के दौरान केवल अपने बेटे दुष्यंत सिंह के लिए ही प्रचार किया।
- राजनीतिक परिदृश्य: Raje की सक्रिय राजनीति से दूरी बनी हुई है और उन्हें अभी तक कोई ठोस पद नहीं मिला है।
- विश्लेषण: Raje की स्थिति ने यह संकेत दिया है कि पार्टी ने उनकी भूमिका को सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा, "आज लोग उस अंगूठे को काटना चाहते हैं जिससे वे चलना सीखते हैं।"
अन्य वरिष्ठ नेताओं की स्थिति:
- Rajendra Rathore: पूर्व नेता प्रतिपक्ष, जिन्होंने अपने विधानसभा सीट खो दी, उन्हें अब तक कोई बड़ा पद नहीं मिला है।
- Satish Poonia: पूर्व राज्य अध्यक्ष, जो लोकसभा सीट की उम्मीद कर रहे थे, को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
निष्कर्ष:
BJP की यह नई नियुक्तियाँ वरिष्ठ नेताओं के प्रति पार्टी की देखभाल को दर्शाती हैं, लेकिन इसके साथ ही यह भी संकेत देती हैं कि पार्टी नए नेतृत्व को बढ़ावा दे रही है। इस बदलाव से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी अपने महत्वपूर्ण नेताओं को हाशिये पर धकेलकर नये चेहरों को मंच दे रही है।
आगे की राह:
राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि बीजेपी के इन निर्णयों का असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है। हालांकि, पार्टी की रणनीति यह दिखाती है कि वह अपने वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा किए बिना नई दिशा में अग्रसर हो रही है।
Sitesh Choudhary
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सिर्फ नया चेहरा देखकर भविष्य नही चलता है
आखिर चुनाव आने वक्त ही क्यों योजनाओं पर ध्यान दिया जाता है।