Rajesh Verma ने खगड़िया में यूनिवर्सिटी की मांग: क्या मिलेगा जवाब?
राजेश वर्मा ने उठाया विश्वविद्यालयों में सेशन डिले का मुद्दा, खगड़िया के लिए मांगा कॉलेज
नई दिल्ली, 2 अगस्त 2024: बिहार के सांसद राजेश वर्मा ने लोकसभा में विश्वविद्यालयों में सेशन डिले और खगड़िया में कॉलेज की आवश्यकता को लेकर एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उनका कहना है कि विश्वविद्यालयों का सेशन आमतौर पर तीन साल के बजाय पांच-पांच साल में पूरा होता है, जिससे छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने में मुश्किल होती है।
सेशन डिले का मुद्दा | Rajesh Verma
राजेश वर्मा ने लोकसभा में अपने भाषण में कहा:
“यूनिवर्सिटीज का सेशन 3 साल के बजाय पांच-पांच सालों में पूरा होता है, जिससे छात्रों को उनकी पढ़ाई पूरी करने में समस्याएँ आती हैं।”
- समस्या की गंभीरता: वर्मा ने बताया कि इस समस्या के कारण छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
- विधानसभा में प्रश्न: उन्होंने यह मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए कहा कि बिहार के युवाओं को अच्छी शिक्षा के अवसर देने के लिए इस समस्या का समाधान जरूरी है।
खगड़िया के लिए विश्वविद्यालय और कॉलेज की मांग | Rajesh Verma
राजेश वर्मा ने खगड़िया में एक विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग की है:
- विश्वविद्यालय की मांग: उन्होंने कहा कि खगड़िया के क्षेत्र में एक विश्वविद्यालय की आवश्यकता है ताकि वहां के छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर मिल सकें।
- इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग: साथ ही, उन्होंने खगड़िया में एक इंजीनियरिंग कॉलेज की भी मांग की, ताकि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को बेहतर अवसर मिल सकें।
शिक्षा क्षेत्र में बजट का प्रस्ताव | Rajesh Verma
वर्मा ने संसद में शिक्षा के लिए बजट के प्रस्तावों का भी उल्लेख किया:
- शिक्षा के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान: इस वर्ष के बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
- वित्तीय सहायता की घोषणा: घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता की घोषणा की गई है।
- केंद्र विश्वविद्यालयों के लिए अनुदान: केंद्र विश्वविद्यालयों के अनुदान के लिए 4000 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि की गई है।
सरकार की स्कीम्स और योजनाएं | Rajesh Verma
वर्मा ने सरकार की विभिन्न स्कीम्स का भी उल्लेख किया:
- फर्स्ट टाइम एंप्लॉयमेंट स्कीम: 1 लाख रुपये से कम सैलरी पर ईपीएफ में पहली बार रजिस्टर करने वालों को तीन किस्तों में मदद दी जाएगी।
- जॉब क्रिएशन इन मैन्युफैक्चरिंग: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में फर्स्ट टाइम एंप्लॉयमेंट को ईपीएफओ जमा करने के आधार पर इंसेंटिव मिलेगा।
- पार्टिसिपेशन ऑफ वूमेन इन वर्क फोर्स: नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए वर्किंग वूमन हॉस्टल और स्किलिंग प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे।
- स्किलिंग: 20 लाख युवाओं को 5 साल में खास स्किल से ट्रेनिंग दी जाएगी और 1000 इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स अपग्रेड किए जाएंगे।
शिक्षा के विकास में सरकार की पहल | Rajesh Verma
वर्मा ने सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में की गई पहल की भी सराहना की:
- नई आईआईटी और आईआईएम्स: 2014 से 2024 तक सात नए आईआईटी और सात नए आईआईएम खोले गए हैं।
- उच्च शिक्षा में वृद्धि: पिछले 10 वर्षों में उच्च शिक्षा संस्थानों में 11% की वृद्धि हुई है।
अंतिम टिप्पणी | Rajesh Verma
वर्मा ने अपने भाषण के अंत में कहा:
“तेरी हिम्मत तेरी लड़ाई से जानी जाएगी और तेरी किस्मत तेरी पढ़ाई से जानी जाएगी।”
उन्होंने शिक्षा के अनुदान की मांग का समर्थन करते हुए सांसदों से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की।
Sitesh Choudhary
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