Nagchandreshwar Temple | नागपंचमी पर खुलता है अनोखा मंदिर, जानें क्यों!

Nagchandreshwar Temple | उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में एक दिन खुलता है। यहाँ नागराज तक्षक की पूजा होती है। जानें इसके अद्वितीय इतिहास और धार्मिक महत्व के बारे में।


Nagchandreshwar Temple

Nagchandreshwar Temple | जानें: उज्जैन के मंदिर में भगवान शिव कैसे हैं खास!

उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर: एक दिवसीय दर्शन की अद्वितीय परंपरा

उज्जैन, मध्य प्रदेश – हिंदू धर्म में नागों की पूजा का महत्व अत्यधिक है। नागों को शिव का आभूषण माना जाता है और यही कारण है कि नागों के कई मंदिर देश भर में स्थित हैं। इन मंदिरों में एक खास स्थान उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का है।

मंदिर की विशिष्टता | Nagchandreshwar Temple

  • खुलने का समय: नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में केवल एक दिन, नागपंचमी (श्रावण शुक्ल पंचमी) पर खुलता है।
  • स्थान: यह मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है।
  • विशेष मान्यता: मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं इस मंदिर में निवास करते हैं।

मंदिर की अद्भुत प्रतिमा | Nagchandreshwar Temple

नागचंद्रेश्वर मंदिर में एक अनूठी प्रतिमा स्थापित है:

  • 11वीं शताब्दी की प्रतिमा: इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं।
  • उत्कृष्टता: यह प्रतिमा नेपाल से लाई गई थी और ऐसी प्रतिमा विश्व में कहीं और नहीं मिलती।

मंदिर का अनोखा स्वरूप | Nagchandreshwar Temple

  • विशेषता: यह मंदिर विष्णु भगवान की जगह भगवान शिव को सर्प शय्या पर विराजमान दर्शाता है।
  • प्रतिमा: प्राचीन मूर्ति में शिवजी, गणेशजी और मां पार्वती दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं।

उल्लेखनीय विशेषताएँ | Nagchandreshwar Temple

  • सर्प शय्या पर शिव: शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं।
  • अद्वितीयता: पूरी दुनिया में यह एकमात्र मंदिर है जहाँ शिव इस प्रकार की प्रतिमा पर विराजमान हैं।

नागचंद्रेश्वर मंदिर की विशेष मान्यता | Nagchandreshwar Temple

उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर केवल एक दिन खुलता है, लेकिन यह दिन विशेष धार्मिक महत्व रखता है। नागपंचमी पर, श्रद्धालु यहाँ आकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसका विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।

नागचंद्रेश्वर मंदिर की धार्मिक परंपरा | Nagchandreshwar Temple

  • सार: इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ नागराज तक्षक की पूजा होती है और यह एकमात्र ऐसा स्थल है जहाँ शिव सर्प शय्या पर विराजमान हैं।
  • धार्मिक मान्यता: यह मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं इस मंदिर में निवास करते हैं और उनके दर्शन के लिए श्रद्धालु पूरे साल इंतजार करते हैं।

संबंधित आंकड़े और तथ्य | Nagchandreshwar Temple

तथ्यविवरण
मंदिर की स्थापना11वीं शताब्दी
खुलने का दिननागपंचमी (श्रावण शुक्ल पंचमी)
मंदिर का स्थानमहाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल, उज्जैन
प्रमुख प्रतिमाफन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती

अंतिम विचार | Nagchandreshwar Temple

नागचंद्रेश्वर मंदिर की अद्वितीयता और उसकी धार्मिक महत्वता इसे एक विशेष स्थल बनाती है। इस मंदिर का एक दिन खुलना लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव होता है। नागपंचमी पर यहाँ की भीड़ और धार्मिक उत्सव इस स्थल की महत्ता को और बढ़ा देते हैं।

उद्धरण | Nagchandreshwar Temple

“नागचंद्रेश्वर मंदिर में पूजा का दिन श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर होता है, जहाँ वे न केवल भगवान शिव की आराधना करते हैं बल्कि नागराज तक्षक के दर्शन भी करते हैं।” – दयाराम चंद्रवंशी, खास रिपोर्ट


इस प्रकार, नागचंद्रेश्वर मंदिर की परंपरा और उसकी विशिष्टता इसे एक अनूठा धार्मिक स्थल बनाती है, जिसका महत्व पूरे साल श्रद्धालुओं के लिए बरकरार रहता है।

Dayaram Chandravanshi

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