Mysterious Space Signal | अंतरिक्ष का रहस्य: 8 अरब साल बाद पृथ्वी पर पहुंचा सिग्नल!
8 अरब साल बाद पृथ्वी पर पहुंचा रहस्यमयी अंतरिक्ष रेडियो सिग्नल | Mysterious Space Signal
एक ऐतिहासिक खोज: FRB 20220610A सिग्नल का पता
वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष से 8 अरब साल बाद पृथ्वी तक पहुंचने वाले एक शक्तिशाली रेडियो सिग्नल का पता लगाया है, जिसे FRB 20220610A नाम दिया गया है। यह अब तक के सबसे रहस्यमयी और शक्तिशाली सिग्नलों में से एक है, और इसका स्रोत हमारी आकाशगंगा से बेहद दूर स्थित है।
क्या हैं Fast Radio Bursts (FRBs)? | Mysterious Space Signal
Fast Radio Bursts (FRBs) अत्यंत तेज़ और अल्पकालिक रेडियो तरंगों की लहरें होती हैं, जो सिर्फ कुछ मिलीसेकंड तक ही रहती हैं। वैज्ञानिक पहली बार 2007 में इनका पता लगा पाए थे, और तब से इनकी रहस्यमय प्रकृति ने पूरी दुनिया के खगोलविदों को हैरान कर रखा है।
- FRBs बेहद शक्तिशाली होते हैं।
- इनमें से कुछ सिग्नल एक सेकंड के छोटे से हिस्से में उतनी ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं जितनी हमारा सूर्य 30 साल में करता है।
FRB 20220610A: 8 अरब साल पुरानी यात्रा | Mysterious Space Signal
इस सिग्नल का स्रोत हमारी आकाशगंगा से बहुत दूर है, जिसका मतलब है कि यह सिग्नल 8 अरब साल पहले उत्सर्जित हुआ था।
मुख्य तथ्य:
- सिग्नल का नाम: FRB 20220610A
- यात्रा का समय: 8 अरब साल
- सिग्नल की ताकत: अब तक के सबसे शक्तिशाली सिग्नलों में से एक
ASKAP: सिग्नल का स्रोत पहचानने वाली तकनीक | Mysterious Space Signal
इस विशेष FRB का पता लगाने और इसे ट्रैक करने के लिए वैज्ञानिकों ने Australian Square Kilometre Array Pathfinder (ASKAP) का उपयोग किया। ASKAP की उन्नत रेडियो डिशों ने सिग्नल की उत्पत्ति की सटीक पहचान करने में मदद की।
डॉ. स्टुअर्ट राइडर, जो कि मैक्वेरी विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री हैं, ने बताया:
“ASKAP की मदद से हम सिग्नल के स्रोत को सटीकता से पहचानने में सफल रहे।”
स्रोत आकाशगंगा की खोज | Mysterious Space Signal
इसके बाद वैज्ञानिकों ने यूरोपियन साउदर्न ऑब्ज़र्वेटरी के बहुत बड़े टेलिस्कोप का उपयोग करके उस आकाशगंगा का पता लगाया, जहां से यह सिग्नल आया था। यह आकाशगंगा अब तक की रिकॉर्ड की गई आकाशगंगाओं में से सबसे पुरानी और सबसे दूरस्थ मानी जा रही है।
ब्रह्मांडीय रहस्य और FRBs | Mysterious Space Signal
FRBs केवल रहस्यमयी सिग्नल ही नहीं हैं, बल्कि वे ब्रह्मांड के अन्य रहस्यों को सुलझाने में भी मदद कर सकते हैं। खगोलविदों के अनुसार, इन सिग्नलों की मदद से हम “अनदेखी” वस्तुओं और कणों की मौजूदगी का पता लगा सकते हैं, जो कि पारंपरिक तरीकों से संभव नहीं है।
प्रोफेसर रयान शैनन ने कहा:
“ब्रह्मांड में मौजूद साधारण पदार्थ का आधे से अधिक हिस्सा अभी तक हमारे सामने नहीं आ पाया है। हो सकता है कि यह ‘गायब’ पदार्थ हमारी दृष्टि से परे स्थित हो।”
Macquart Relation: अदृश्य पदार्थ का पता | Mysterious Space Signal
वर्ष 2020 में ऑस्ट्रेलियाई खगोलविद जीन-पियरे मैकक्वार्ट ने एक तरीका विकसित किया, जिसे अब Macquart Relation कहा जाता है। इस तकनीक के ज़रिए FRBs की मदद से छिपे हुए पदार्थों का पता लगाया जा सकता है।
डॉ. स्टुअर्ट राइडर कहते हैं:
“यह खोज Macquart Relation की पुष्टि करती है, यहां तक कि तब भी जब सिग्नल ब्रह्मांड के आधे रास्ते तक आता है।”
गायब पदार्थ की पहेली | Mysterious Space Signal
ब्रह्मांड विशाल है और इसमें अब भी कई रहस्य छिपे हुए हैं। खासकर, जो पदार्थ हम देख सकते हैं और जो होना चाहिए, उनके बीच का असंतुलन अब भी अनसुलझा है।
मुख्य बिंदु:
- ब्रह्मांडीय पदार्थ की कमी
- FRBs की मदद से अदृश्य पदार्थ का पता लगाने की क्षमता
भविष्य की संभावनाएँ | Mysterious Space Signal
FRBs की खोज और उनका अध्ययन हमें ब्रह्मांड के अनगिनत रहस्यों को सुलझाने का एक अनूठा अवसर देता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इन सिग्नलों के ज़रिए हम ब्रह्मांड के उन हिस्सों तक पहुँच सकेंगे, जो अब तक हमारी पकड़ से बाहर थे।
निष्कर्ष | Mysterious Space Signal
FRB 20220610A जैसे रहस्यमयी सिग्नल्स न केवल खगोलशास्त्रियों के लिए शोध के नए दरवाजे खोल रहे हैं, बल्कि वे ब्रह्मांड की अदृश्य गुत्थियों को सुलझाने में भी मदद कर रहे हैं। जैसे-जैसे इन सिग्नलों का अध्ययन आगे बढ़ेगा, हम ब्रह्मांड की अनगिनत पहेलियों के और भी करीब पहुँच सकेंगे।
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बहुत ही आश्चर्य चकित है।