Makhana Benefits | मिथिला के मखाने के ये 7 रहस्य जानकर चौंक जाएंगे आप!
मिथिला के मखान: एक रोचक सफर
बिहार का अनमोल खजाना
मिथिला क्षेत्र का नाम आते ही मखान का स्वाद दिमाग में ताजा हो जाता है। यह केवल एक खाद्य पदार्थ नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर है जो पीढ़ियों से बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में समृद्धि का प्रतीक रही है।
मखान का उत्पादन | Makhana Benefits
बिहार में मखान का उत्पादन प्रमुख रूप से दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, सीतामढ़ी, पूर्णिया और कटिहार जिलों में होता है। भारत के कुल मखान उत्पादन का 88% भाग अकेले बिहार से आता है, जिसमें से 80% उत्पादन मिथिलांचल क्षेत्र से होता है। यह क्षेत्र उथले पानी वाले तालाबों में मखान की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
जिला | मखान उत्पादन (%) |
---|---|
दरभंगा | 30% |
मधुबनी | 20% |
समस्तीपुर | 15% |
सहरसा | 10% |
सुपौल | 8% |
सीतामढ़ी | 7% |
पूर्णिया | 5% |
कटिहार | 5% |
मखान अनुसंधान केंद्र | Makhana Benefits
28 फरवरी 2002 को, बिहार के दरभंगा जिले में बासुदेवपुर के निकट, राष्ट्रीय मखाना शोध केंद्र की स्थापना की गई। यह केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत कार्य करता है और मखान की खेती, उत्पादन और विकास के लिए अनुसंधान करता है। मिथिला के दलदली क्षेत्रों में उगने वाला यह पोषक भोज्य पदार्थ अपनी उच्च गुणवत्ता और स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए जाना जाता है।
मखान कैसे बनता है? | Makhana Benefits
अधिकांश लोग मखान का स्वाद तो चखते हैं, लेकिन इसकी उत्पत्ति और निर्माण प्रक्रिया से अनजान रहते हैं। मखान, जिसे “कुरूपा अखरोट” नाम की एक घास के बीज से बनाया जाता है, उथले पानी वाले तालाबों में उगाया जाता है।
मखान निर्माण की प्रक्रिया:
- बीज का उबालना: मखान के बीजों को पहले उबाला जाता है।
- भूनना: उबालने के बाद, बीजों को भूनकर तैयार किया जाता है, जिससे वे मखान के रूप में परिवर्तित होते हैं।
मखान से जुड़े रोचक तथ्य | Makhana Benefits
- Makhana #Facts1: भारत के 80% मखान का उत्पादन मिथिलांचल क्षेत्र में होता है।
- Makhana #Facts2: मखान “कुरूपा अखरोट” नाम की घास के बीज से बनाया जाता है।
- Makhana #Facts3: मखान की खेती में खाद या कीटनाशक का उपयोग नहीं होता, जिससे इसे ऑर्गेनिक फूड भी कहा जाता है।
- Makhana #Facts4: मखान को “फोक्स्नट” या “प्रिकली लिली” भी कहा जाता है।
- Makhana #Facts5: मखान की खेती भारत के अलावा चीन, रूस, जापान, और कोरिया में भी होती है।
- Makhana #Facts6: मणिपुर के कुछ हिस्सों में इसकी जड़ और पत्तियों के डंठलों से सब्जी बनाई जाती है।
- Makhana #Facts7: अमेरिकन हर्बल फ़ूड एसोसिएशन ने मखान को ‘क्लास वन फ़ूड’ का दर्जा दिया है।
मखान के औषधीय लाभ | Makhana Benefits
मखान केवल स्वादिष्ट नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसके औषधीय गुण इसे एक अद्वितीय फूड आइटम बनाते हैं।
- Makhana #Benefits1: मखान में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो उम्र के असर को कम करते हैं।
- Makhana #Benefits2: इसमें फैट की मात्रा कम होती है, जिससे यह वजन कम करने में सहायक है।
- Makhana #Benefits3: मखान में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन तंत्र ठीक रहता है।
- Makhana #Benefits4: कोलेस्ट्रॉल की कम मात्रा हार्ट प्रॉब्लम्स से बचाव करती है।
- Makhana #Benefits5: शुगर के मरीजों के लिए मखान लाभकारी है।
- Makhana #Benefits6: मखान शरीर से टॉक्सिन्स को दूर करने में सहायक है।
- Makhana #Benefits7: इसमें कैल्शियम की अधिक मात्रा हड्डियों को मजबूत बनाती है।
- Makhana #Benefits8: पोटेशियम की अधिक मात्रा BP को नियंत्रित करती है।
- Makhana #Benefits9: त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करता है, जिससे त्वचा में चमक रहती है।
निष्कर्ष | Makhana Benefits
मिथिला का मखान केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उत्पाद है। इसके स्वास्थ्यवर्धक गुण और पोषण तत्व इसे और भी मूल्यवान बनाते हैं। मखान की खेती से लेकर इसके विभिन्न लाभों तक, यह मिथिला की समृद्धि और संस्कृति का प्रतीक है।
“मखान की मिठास को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, और इसके स्वास्थ्य लाभों का आनंद लें।”
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