Khachrod municipal council controversy | भाजपा और कांग्रेस एकजुट! नगर पालिका बैठक में बवाल
खाचरोद नगर पालिका परिषद में उठा विवाद, 8 भाजपा और 7 कांग्रेस पार्षदों ने किया विरोध
खाचरोद में नगर पालिका परिषद का सम्मेलन हंगामे की भेंट चढ़ा | Khachrod municipal council controversy
खाचरोद – खाचरोद नगर पालिका परिषद के लंबे समय के बाद आहूत किए गए साधारण सम्मेलन में विरोध की लहरें उठीं। बैठक में 10 महत्वपूर्ण एजेंडों पर चर्चा होनी थी, लेकिन शुरू होते ही 15 पार्षदों ने सर्वसम्मति से एजेंडा नकारते हुए सम्मेलन को भंग कर दिया। इस विरोध के कारण एक भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी।
यह स्थिति उस समय उत्पन्न हुई जब नगर पालिका के 8 भाजपा और 7 कांग्रेस पार्षदों ने एजेंडे में दिए गए अधिकांश बिंदुओं पर अपना असंतोष जाहिर किया। इसमें नगर के उपाध्यक्ष दिनेश ठन्ना भी शामिल थे।
10 एजेंडे बिंदु: एक नजर | Khachrod municipal council controversy
बैठक में जिन 10 बिंदुओं पर चर्चा होनी थी, वे नगर के विकास और जनता की सुविधाओं से जुड़े थे। आइए जानते हैं, उन बिंदुओं के बारे में:
एजेंडा बिंदु | विवरण |
---|---|
1 | छोटे-मोटे निर्माण और रिपेयर कार्य की निविदा दरों पर विचार और निर्णय |
2 | जेसीबी मशीन, पोकलेन, ट्रेक्टर-ट्राली, और श्रमिक कार्य की दरों पर निर्णय |
3 | निर्माण सामग्री की निविदा दरों पर विचार और निर्णय |
4 | सामुदायिक स्थाई शेड निर्माण की निविदा दर स्वीकृति पर निर्णय |
5 | प्रिंटिंग सामग्री (वर्ष 2024-25) की निविदा दरों पर विचार और निर्णय |
6 | स्टेशनरी सामग्री (वर्ष 2024-25) की निविदा दरों पर निर्णय |
7 | मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत नाली और सीसी रोड निर्माण कार्यों की निविदा पुनः आमंत्रित करना |
8 | जलकर राशि वृद्धि पर विचार और निर्णय |
9 | नगर पालिका की दुकानों के एकीकरण और दरवाजे लगाने की स्वीकृति पर निर्णय |
10 | नामांतरण प्रकरणों पर विचार और निर्णय |
इस एजेंडे में कई महत्वपूर्ण विषय शामिल थे, जिन पर विचार और निर्णय की उम्मीद की जा रही थी। खासकर, जनता को नामांतरण के लंबित मामलों से उम्मीद थी कि यह मुद्दा सुलझ जाएगा।
नामांतरण पर सहमति, बाकी बिंदुओं का विरोध | Khachrod municipal council controversy
बैठक में 15 पार्षदों ने अधिकांश बिंदुओं का विरोध किया। लेकिन नामांतरण प्रकरण (Transfer Case) पर सहमति जताई, क्योंकि इससे जनता की सीधी सुविधा जुड़ी हुई थी। अन्य बिंदुओं पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया और सम्मेलन को बीच में ही भंग कर दिया गया।
विरोध करने वाले पार्षदों ने इन मुद्दों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “नगर के हितों के लिए पारदर्शिता जरूरी है। इन बिंदुओं में कई ऐसे मुद्दे थे जिनमें उचित चर्चा और समीक्षा की आवश्यकता थी।”
पार्षदों की नाराजगी: भाजपा और कांग्रेस दोनों पक्षों में असहमति | Khachrod municipal council controversy
साधारण सम्मेलन में भाजपा के 8 पार्षद और कांग्रेस के 7 पार्षद एक साथ विरोध करते नजर आए। दोनों ही दलों के पार्षदों ने आरोप लगाए कि नगर पालिका प्रशासन ने बिना उचित चर्चा के एजेंडे को तैयार किया था।
भाजपा पार्षदों में शामिल थे:
- प्रिया गेलड़ा
- गोदावरी बंबोरिया
- आबिदा बी
- आरती पंडिया
- बद्रीलाल संगीतला
- जय जयसवाल
- राकेश राठौर
- सूर्य प्रकाश शर्मा
कांग्रेस के पार्षदों में शामिल थे:
- दिनेश ठन्ना (उपाध्यक्ष)
- कविता नंदेडा
- पूजा मेहता
- प्रकाश डाबी
- चंदा नागर
- रेखा धाकड़
- पूजा पांचाल
उपाध्यक्ष दिनेश ठन्ना भी दिखे नाराज | Khachrod municipal council controversy
नगर पालिका के उपाध्यक्ष दिनेश ठन्ना ने भी इस सम्मेलन में अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “हमारे पास जनता के हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे थे। हमें सही ढंग से विचार करना चाहिए था, लेकिन इस तरह के फैसले जनता के लिए सही नहीं हैं।”
पार्षदों की प्रमुख आपत्तियाँ:
- जलकर राशि वृद्धि: यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा था जिस पर पार्षदों ने खासतौर पर विरोध किया। पार्षदों का कहना था कि इस वृद्धि से आम जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- निर्माण कार्य की निविदा: निर्माण सामग्री और श्रमिक कार्य की दरों पर भी पार्षदों ने असहमति जताई। उनका मानना था कि इन दरों की समीक्षा उचित ढंग से नहीं की गई।
- मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना: पार्षदों ने इस योजना के तहत हो रहे कार्यों में ठेकेदार की भूमिका पर सवाल उठाए और नये टेंडर आमंत्रित करने की मांग की।
नगरवासियों में नाराजगी | Khachrod municipal council controversy
इस बैठक के भंग होने से नगरवासियों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है। खासकर उन लोगों को निराशा हुई जिनके नामांतरण प्रकरण (Transfer Case) लंबित थे। वे लंबे समय से इन मामलों के हल का इंतजार कर रहे थे, लेकिन विरोध के चलते इस पर चर्चा भी नहीं हो सकी।
नगर के एक निवासी ने कहा, “हमारे नामांतरण केस काफी समय से अटके हुए हैं। हमें उम्मीद थी कि इस बैठक में कुछ समाधान निकलेगा, लेकिन अब फिर से यह मामला टल गया।”
विपक्ष का आरोप: परिषद ने जनता को किया निराश | Khachrod municipal council controversy
कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के विरोधी पार्षदों ने एकसुर में कहा कि नगर पालिका प्रशासन ने नगर के हितों की अनदेखी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक का एजेंडा सिर्फ औपचारिकता थी और वास्तविक मुद्दों पर चर्चा करने की कोई मंशा नहीं थी।
एक भाजपा पार्षद ने कहा, “यह हमारे नगर का अपमान है। हम विकास के नाम पर इस तरह के फैसले नहीं ले सकते।” वहीं, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “नगर पालिका को जनता की सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिए, न कि अपने निजी हितों का।”
निष्कर्ष: खाचरोद की राजनीति में बढ़ता तनाव | Khachrod municipal council controversy
इस साधारण सम्मेलन का भंग होना यह दर्शाता है कि खाचरोद नगर पालिका परिषद में आंतरिक असहमति गहराती जा रही है। दोनों दलों के पार्षदों का एक साथ विरोध करना इस बात का संकेत है कि नगर पालिका प्रशासन को अब अधिक सावधानी और पारदर्शिता से काम करना होगा।
नगरवासियों के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दे कैसे सुलझाए जाते हैं।
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Jay mithila