Heart Disease Prevention | कोविड-19 के बाद, Mpox पर भारत की असली तैयारी क्या है?
कोविड-19 के बाद, क्या भारत Mpox रोकथाम के लिए तैयार है? क्या करना होगा?
नई दिल्ली: कोविड-19 के बाद, स्वास्थ्य क्षेत्र में कई बदलाव आए हैं। एक नया खतरा उभर रहा है, जिससे निपटने की दिशा में भारत की तैयारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस लेख में हम इस पर चर्चा करेंगे कि भारत Mpox की रोकथाम के लिए कितनी तैयार है और इसके लिए क्या कदम उठाने की जरूरत है।
पूर्वकालिक हृदय रोग: एक नई चुनौती | Heart Disease Prevention
पुराने जमाने में हृदय रोग वृद्धावस्था के संकेत के रूप में देखा जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में, यह समस्या युवाओं में भी देखने को मिल रही है। फिट दिखने वाले लोग भी अचानक हृदयघात का शिकार हो रहे हैं।
- विकास सेठी का मामला: हाल ही में अभिनेता विकास सेठी, जो ‘कभी खुशी कभी ग़म’ में रॉबी के रोल के लिए मशहूर थे, का अचानक हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया।
- मैथियस पावलाक का मामला: ब्राजील के 19 वर्षीय बॉडीबिल्डर मैथियस पावलाक की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। वह सोशल मीडिया पर एक फिटनेस आइकन के रूप में प्रसिद्ध थे।
युवाओं में हृदय रोग: एक गंभीर समस्या | Heart Disease Prevention
पिछले कुछ दशकों में हृदय रोग के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। भारत में हृदय रोग की शुरुआत पश्चिमी देशों की तुलना में दस साल पहले होती है।
डॉ. राहुल छबड़िया, MBBS, DNB – जनरल मेडिसिन, DNB – कार्डियोलॉजी, जसलोक हॉस्पिटल & रिसर्च सेंटर, मुंबई कहते हैं:
“अधिकांश जोखिम कारक चुपके से कार्य करते हैं और कोई प्रमुख लक्षण नहीं दिखाते। नियमित जांच के बिना, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च शर्करा, उच्च रक्तचाप आदि का निदान करना मुश्किल होता है।”
हृदय रोग प्रबंधन के लिए चार C’s
डॉ. मौलिक पारेख, हेड – TAVR और स्ट्रक्चरल हार्ट प्रोग्राम, सर्कल कोऑर्डिनेटर – कार्डियक साइंसेज, सि.एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल, मुंबई के अनुसार, हृदय रोगों की रोकथाम के लिए चार C’s पर ध्यान देना आवश्यक है:
- चेक (Check): नियमित स्वास्थ्य जांच महत्वपूर्ण है। जांच के बाद रिपोर्ट को डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
- सलाह (Consult): रिपोर्ट की समीक्षा के बाद कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श करें।
- देखभाल (Care): उच्च कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में जीवनशैली में बदलाव करें। रोजाना 40-50 मिनट का कार्डियो व्यायाम करें।
- इलाज (Cure): जीवनशैली में सुधार के बावजूद, कभी-कभी दवा की आवश्यकता होती है। डॉक्टर से उचित दवा लें और नियमित फॉलो-अप करें।
स्वास्थ्य जांच की शुरुआत: 20 वर्ष की आयु से | Heart Disease Prevention
विशेषज्ञों का कहना है कि 20 वर्ष की उम्र से नियमित स्वास्थ्य जांच कराना चाहिए।
डॉ. पारेख कहते हैं:
“कोलेस्ट्रॉल उम्र से संबंधित नहीं है। युवा लोगों में भी बहुत उच्च कोलेस्ट्रॉल हो सकता है।”
डॉ. छबड़िया जोड़ते हैं:
“कोई भी चेतावनी संकेत जैसे छाती में दर्द, अजीब जलन, बाएं कंधे या बाएं हाथ में दर्द को नजरअंदाज न करें। रोजाना 7500 कदम चलने की कोशिश करें, इससे हृदयाघात का जोखिम 50% तक कम हो सकता है।”
सारणी: भारत में हृदय रोगों की स्थिति | Heart Disease Prevention
आयु वर्ग | हृदय रोगों का जोखिम |
---|---|
20-30 वर्ष | बढ़ता हुआ जोखिम |
30-40 वर्ष | उच्च जोखिम |
40-50 वर्ष | बहुत उच्च जोखिम |
अंतिम शब्द | Heart Disease Prevention
भारत को Mpox जैसी नई स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए न केवल युवाओं को हृदय रोगों से बचाव के उपायों को अपनाना होगा, बल्कि पूरे देश को स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। कोविड-19 के अनुभव से सीखे गए सबक को ध्यान में रखते हुए, हमें भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना होगा।
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