गोह या गोयरा या विषखोपडा़- एक विलुप्तप्राय प्रजाति।
गोह एक जानवर है, जिसका प्रयोग प्राचीन काल में किले पर चढ़ने में किया जाता था। गोह, जिसे गोयरा या विषखोपडा़ भी कहा जाता है।
ये प्राय रेगिस्तानी या शुष्क इलाकों में पाए जाते हैं, जिस वजह से उनकी चमड़ी बहुत मोटी होती है और पंजे बहुत ज्यादा ताकतवर होते हैं। अगर गोह के ऊपर तीन से चार कुल्हाड़ी के वार भी कर दिए जाए तो भी वह आसानी से कटता नहीं है।
इसकी इसी मजबूती और पंजों की मजबूत पकड़ की वजह से पुराने जमाने में आक्रमणकारी आक्रमण करते समय किले पर चढ़ाई करने के लिए गोह के पूंछ से रस्सी बांधकर गोह को किले के ऊपर फेंक देते थे। फिर, गोह अपने पंजों से उस दीवार को मजबूती से पकड़ लेता था। इसके बाद सैनिक उस रस्सी के सहारे किले पर चढ़ जाते थे।
गोयरा के शरीर में कुछ ऐसी चीजें पाई जाती है, जो बहुत मंहगी होती है। गोह के जहरीले होने को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिस वजह से इसको लगातार मारा जा रहा है, जिससे अब धीरे-धीरे ये जीव विलुप्ति के कगार पर आ चुका है।
Sitesh Choudhary
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