Ghost FIR Case | मरे आदमी का बयान! कुशीनगर पुलिस की बड़ी गलती

Ghost FIR Case | इलाहाबाद हाई कोर्ट में अनोखा मामला: तीन साल पहले मरे शब्द प्रकाश के नाम पर दर्ज एफआईआर और बयान, पुलिस की चूक पर हाई कोर्ट ने की कार्रवाई।


Ghost FIR Case

Ghost FIR Case | इलाहाबाद हाई कोर्ट में अजीब मामला: मरे आदमी का केस

कुशीनगर में पुलिस का हैरतअंगेज़ मामला

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले की पुलिस ने एक अद्वितीय और चौंकाने वाला मामला सामने लाया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही जांच के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति, शब्द प्रकाश, की मृत्युः के तीन साल बाद एफआईआर दर्ज की गई और उसकी तरफ से बयान भी दर्ज किया गया।

मामला क्या है? | Ghost FIR Case

  • मृतक शब्द प्रकाश का बयान: शब्द प्रकाश की 19 दिसंबर 2011 को मृत्यु हो गई थी। बावजूद इसके, 2014 में उसके नाम पर एक एफआईआर दर्ज की गई।
  • चार्जशीट दाखिल: पुलिस ने इस एफआईआर के आधार पर जांच की और 23 नवंबर 2014 को चार्जशीट भी दाखिल कर दी।
  • भूत के हस्ताक्षर: अधिक हैरान करने वाली बात यह है कि 19 दिसंबर 2023 को हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर शब्द प्रकाश के ‘भूत’ के हस्ताक्षर मिले।

कोर्ट ने क्या कहा? | Ghost FIR Case

इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सौरभ श्याम की बेंच ने इस मामले को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम ने पुलिस से सवाल किया कि मृतक व्यक्ति का बयान कैसे लिया गया? इस पर कोर्ट ने कुशीनगर एसपी को रिपोर्ट तलब की।

कोर्ट की टिप्पणियाँ: | Ghost FIR Case

  • पुलिस की विवेचना पर सवाल: कोर्ट ने टिप्पणी की कि पुलिस ने अपराध की विवेचना कैसे की और तीन साल पहले मर चुके व्यक्ति का बयान कैसे लिया।
  • वीरता की जांच: कोर्ट ने निर्देश दिया कि एक ‘भूत’ निर्दोष व्यक्ति को परेशान कर रहा है और विवेचना अधिकारी द्वारा बयान दर्ज किया गया है। इसे जांच कर रिपोर्ट पेश की जाए।
  • आपराधिक कार्रवाई का रद्द होना: कोर्ट ने आपराधिक केस की कार्रवाई को रद्द कर दिया और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से वकील को भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह दी।

मामला कैसे शुरू हुआ? | Ghost FIR Case

  • एफआईआर का दर्ज होना: शब्द प्रकाश की मृत्यु के तीन साल बाद, 2014 में एक एफआईआर दर्ज की गई। इसमें शब्द प्रकाश को वादी और पुरुषोत्तम समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था।
  • चार्जशीट का दाखिल होना: जांच के बाद विवेचक ने चार्जशीट दाखिल की और इसे कोर्ट में चुनौती दी गई।
  • हाई कोर्ट में अपील: आरोपियों ने हाई कोर्ट में चार्जशीट को रद्द करने की अपील की, जिसके बाद यह मामला उजागर हुआ।

बुलेट प्वाइंट्स में मुख्य तथ्य: | Ghost FIR Case

  • मृतक शब्द प्रकाश की एफआईआर: तीन साल बाद एफआईआर दर्ज
  • चार्जशीट दाखिल: 23 नवंबर 2014 को
  • भूत का हस्ताक्षर: 19 दिसंबर 2023 को वकालतनामा पर हस्ताक्षर
  • कोर्ट का निर्देश: कुशीनगर एसपी से रिपोर्ट तलब, आपराधिक कार्रवाई को रद्द किया

तालिका: केस के प्रमुख घटनाक्रम | Ghost FIR Case

घटनातारीखविवरण
शब्द प्रकाश की मृत्यु19 दिसंबर 2011शब्द प्रकाश की मृत्यु
एफआईआर दर्ज की गई2014शब्द प्रकाश की मृत्यु के तीन साल बाद
चार्जशीट दाखिल की गई23 नवंबर 2014विवेचक ने चार्जशीट दाखिल की
‘भूत’ का हस्ताक्षर19 दिसंबर 2023हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर हस्ताक्षर मिले
कोर्ट का निर्देशअगस्त 2024एसपी को रिपोर्ट तलब, आपराधिक कार्रवाई रद्द

कोर्ट के बयान: | Ghost FIR Case

“पुलिस की विवेचना की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। यह केस न्याय प्रणाली के प्रति हमारे विश्वास को चुनौती देता है।” – न्यायमूर्ति सौरभ श्याम

यह मामला एक अद्वितीय कानूनी परिदृश्य प्रस्तुत करता है और न्यायिक प्रक्रिया की गंभीरता पर ध्यान केंद्रित करता है। कुशीनगर पुलिस की इस विचित्र गलती ने पूरे कानूनी तंत्र को हिला दिया है।

Suresh Chand Gandhi

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