Fatty Liver Disease | लिवर में वसा जमा होने पर जानें क्या होता है आपके साथ!
जानें, जब आप फैटी लिवर डिजीज को नजरअंदाज करते हैं तो आपके शरीर में क्या होता है”
फैटी लिवर डिजीज: एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या | Fatty Liver Disease
लिवर हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन, मेटाबोलिज्म, डिटॉक्सिफिकेशन, हार्मोन को नियंत्रित करने, आवश्यक पोषक तत्वों को स्टोर करने और प्रोटीन और एंजाइम्स का उत्पादन करने के लिए जिम्मेदार है। फैटी लिवर डिजीज (Fatty Liver Disease) की अनदेखी करना आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह स्थिति कई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत देती है।
फैटी लिवर डिजीज क्या है? | Fatty Liver Disease
फैटी लिवर डिजीज तब होती है जब लिवर की कोशिकाओं के चारों ओर वसा (fat) जमा हो जाती है, और वसा को तोड़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। यह स्थिति अक्सर बिना लक्षणों के होती है, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है।
डॉ. मल्लिकार्जुन सकपाल, कंसल्टेंट, HPB और ट्रांसप्लांट फिजिशियन, एस्टर CMI हॉस्पिटल, बैंगलोर के अनुसार:
“फैटी लिवर (Steatosis) तब होती है जब लिवर की कोशिकाओं के चारों ओर वसा जमा हो जाती है। इस प्रक्रिया के धीमी होने के कारण, यह स्थिति अक्सर बिना लक्षणों के होती है।”
फैटी लिवर डिजीज के संभावित खतरें | Fatty Liver Disease
फैटी लिवर डिजीज के बढ़ने से लिवर की स्थिति में और भी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं:
- सूजन (Steatohepatitis): लिवर में सूजन होती है।
- घाव (Fibrosis): लिवर में घाव बनते हैं।
- सिरोसिस और लिवर कैंसर: लिवर के स्थायी नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ. चंदन कुमार के एन, सीनियर कंसल्टेंट हेपेटोलॉजिस्ट, ग्लेनगेल्स हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के अनुसार:
“लिवर के घावों के बढ़ने से सिरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे लिवर की स्थायी क्षति हो सकती है। सिरोसिस से लिवर फेलियर भी हो सकता है, जिसमें लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है।”
फैटी लिवर के कारण | Fatty Liver Disease
फैटी लिवर के कई कारण हो सकते हैं:
- डायबिटीज़
- मोटापा
- खराब कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर
- पोषण की कमी
- अفرातफरी शराब का सेवन
- तेज़ वजन घटाना
- कुछ दवाओं का सेवन
डॉ. राजीव कोविल, डायबिटोलॉजी के प्रमुख, जांद्रा हेल्थकेयर और रंग दे नीला के सह-संस्थापक के अनुसार:
“फैटी लिवर का जोखिम बढ़ाने वाले कारकों में डायबिटीज़, मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल, पोषण की कमी और शराब का अत्यधिक सेवन शामिल हैं।”
फैटी लिवर के लक्षण | Fatty Liver Disease
समय के साथ, लिवर में वसा की अत्यधिक मात्रा सूजन का कारण बन सकती है, जिससे निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:
- थकावट
- पेट में असहजता
- मतली
- भूख में कमी
- अनचाहे वजन का घटना
- पीलिया
- पाचन समस्याएं
डॉ. कोविल के अनुसार:
“तले हुए, प्रोसेस्ड और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ जैसे कि चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, पास्ता, पिज्जा, कपकेक, ब्रेड, कैंडी, सोडा, पानीपुरी और वड़ा पाव फैटी लिवर की शुरुआत को प्रोत्साहित कर सकते हैं।”
फैटी लिवर से बचाव के उपाय | Fatty Liver Disease
प्रारंभिक पहचान और उपचार:
- स्वस्थ आहार: एक स्वच्छ और स्वस्थ आहार आपकी समग्र भलाई को बनाए रखने में मदद करता है।
- व्यायाम: दिन में 45 मिनट से अधिक व्यायाम करें।
- वजन प्रबंधन: स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- शराब की मात्रा सीमित करें: शराब का सेवन कम करें।
- हाइड्रेशन: दिन में 2-3 लीटर पानी पिएं।
डॉ. सकपाल के अनुसार:
“प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण है क्योंकि फैटी लिवर डिजीज अक्सर मेटाबोलिक सिंड्रोम से जुड़ी होती है, जिसमें हाइपरटेंशन, उच्च रक्त शर्करा और असामान्य कोलेस्ट्रॉल स्तर शामिल हैं।”
नियमित स्वास्थ्य जांच: | Fatty Liver Disease
लिवर स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना आवश्यक है।
तालिका: फैटी लिवर डिजीज के कारण और लक्षण
कारण | लक्षण |
---|---|
डायबिटीज़ | थकावट, पेट में असहजता |
मोटापा | मतली, भूख में कमी |
खराब कोलेस्ट्रॉल | अनचाहे वजन का घटना |
पोषण की कमी | पीलिया, पाचन समस्याएं |
अفرातफरी शराब का सेवन | |
तेज़ वजन घटाना | |
कुछ दवाओं का सेवन |
यह खबर जानकारी के उद्देश्य से है और इसे ध्यान में रखते हुए अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
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