स्वतंत्रता दिवस : बच्चों के लिए आलेख
हम प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। यह हमारे इतिहास में स्मरणीय दिवस है। यह राष्ट्रीय पर्व है। यह 15 अगस्त को प्रत्येक वर्ष आता है। यह हमारे लिए महान उत्सव का दिन है।
इसी दिन भारत में अंग्रेजी शासन का अन्त हुआ। अंग्रेजों के आने के पूर्व भारत एक स्वतन्त्र देश था। वे यहाँ व्यापारी के रूप में आये, लेकिन हमारे शासक बन गये।
अंग्रेजों ने नई शिक्षा को अपनाकर हमारा साथ दिया। हमने अंग्रेजों के इतिहास को पढ़ा। हमने उसके महत्त्व को समझा। हमने आजादी, समानता और बन्धुत्व के गुणों को समझा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म हुआ। आजादी के लिए लड़ाई प्रारम्भ हुई। हमारे नेताओं ने हममें उत्साह भरा। लोगों ने दिलोजान से आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। अंग्रेजों ने हमें लूटा। उन्होंने देश को बर्बाद किया। लोग चेतना से भर गये।
महात्मा गाँधी ने हमारा नेतृत्व किया। सत्य और अहिंसा को युद्ध का हथियार बनाया गया। सुभाषचन्द्र बोस ने इसका विरोध किया। लेकिन महात्मा गाँधी इन हथियारों पर अडिग रहे। हमने बहुत बड़ा नुकसान उठाया। भारतीयों को बुरी तरह दबाया गया। लेकिन जनता ने बहुत बलिदान दिया। अनेक शहीद हुए। चारों तरफ खून की नदियाँ बह गयीं। इतिहास के पन्ने इन बलिदानों को कभी नहीं भूलेंगे। इतिहास में ये बलिदान स्वर्णाक्षरों में लिखे रहेंगे।
15 अगस्त, 1947 में देश आजाद हुआ । अंग्रेज भारत छोड़कर चले गये। गाँधी का स्वप्न साकार हुआ। भारतीयों ने बड़ी धूमधाम के साथ इस दिन का अभिनंदन किया। यह दिन खुशियों और उमंगों का था। इसे मनाने के लिए सर्वत्र विशाल तैयारियाँ की गयीं। प्रत्येक चेहरा खुशी से भरा हुआ नजर आता था।
मकान सजाये गये। सरकारी भवनों को लताओं, फूलों और मालाओं से आच्छादित कर दिया गया। रात में दीपकों की कतारों ने भवनों को जगमगा दिया। राष्ट्रीय गान गाया गया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किला पर झंडा फहराया। वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
भारतीय सेना ने तोपों की सलामी दी। भारतीय वायुसेना एवं जलसेना के जवानों ने झण्डे को सलामी दी। सभी स्थानों पर राष्ट्रीय झण्डा फहराया गया। बालकों में मिठाइयाँ बाँटी गयीं। भारतीयों का हदय खुशी से नाच उठा।
स्वतंत्रता का इतिहास रंग-बिरंगे अध्यायों से भरा है। इसने महान बलिदान लिया है। अन्त में हमने आजादी प्राप्त की। लेकिन सच्ची स्वतन्त्रता बुद्धिमान लोग ही भोगते हैं। । हमें सभी उपायों से इसकी स्वन्तत्रता अमूल्य वस्तु है। हमें स्वतन्त्रता प्राप्त करना चाहिए। हमें रक्षा करनी चाहिए। यह एक स्मरणीय दिवस है। इतिहास इसे भुला नहीं सकता। हमें इस योग्य बनना चाहिए कि हम स्वतन्त्रता की रक्षा कर सकें।
Sitesh Choudhary
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