Dol Gyaras Festival | डोल ग्यारस पर सागर में भक्ति का महासैलाब! जानिए कैसे!
सागर जल झूलन एकादशी: डोल ग्यारस का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया
सागर – जल झूलन एकादशी के अवसर पर सागर जिले भर में उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिला। डोल ग्यारस के त्यौहार ने पूरे जिले में धूम मचा दी। इस मौके पर भगवान श्री ठाकुर जी की शोभा यात्रा निकाली गई, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बनी।
डोल ग्यारस का खास महत्व | Dol Gyaras Festival
डोल ग्यारस, जिसे जल झूलन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, एक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के जल लीलाओं और उनकी भक्ति का प्रतीक है।
त्यौहार की धूम | Dol Gyaras Festival
- शोभा यात्रा: रामराजा मंदिर से शुरू होकर, शोभा यात्रा ने पूरे गांव में धूम मचा दी। भगवान श्री ठाकुर जी के विमान को ढोल नगाड़ों के साथ सजाया गया।
- भक्ति और नृत्य: ग्रामवासियों ने भक्ति में लीन होकर नृत्य किया। युवा वर्ग ने भगवान के विमान को कंधे पर उठाया और गांव की गलियों में शोभा यात्रा निकाली।
- स्वागत: ग्रामवासियों ने घर-घर जाकर भगवान श्री कृष्ण की झांकी का स्वागत किया। फूल-माला, चंदन और दीप जलाकर पूजा अर्चना की गई।
जल झूलन एकादशी के प्रमुख स्थल | Dol Gyaras Festival
स्थल | विशेषताएँ |
---|---|
रामराजा मंदिर | शोभा यात्रा का प्रारंभ स्थल |
हनुमान मंदिर | भक्ति और नृत्य का मुख्य केंद्र |
मुकद्दम गली | झांकी का प्रमुख मार्ग |
स्कूल के पास | यात्रा का अंतिम स्थल |
भक्तों की उमड़ी भीड़ | Dol Gyaras Festival
बोबई गांव में विशेषकर भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। यहां के स्थानीय निवासियों ने भगवान श्री ठाकुर जी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए। उनकी भक्ति और उत्साह का कोई ठिकाना नहीं था।
- भक्तों का जोश: भक्त भगवान की झांकी के सामने नृत्य करते और भजन गाते हुए दिखाई दिए। गांव की गलियों में हर ओर भक्ति की लहर दौड़ रही थी।
- खुशी का माहौल: स्थानीय निवासियों ने बताया कि आज पूरे गांव में खुशी का माहौल है। लोग रामराजा मंदिर से लेकर हनुमान मंदिर तक के मार्ग पर खुशी से झूम रहे हैं।
त्यौहार की ऐतिहासिकता | Dol Gyaras Festival
डोल ग्यारस का त्यौहार श्री कृष्ण की एक प्रसिद्ध लीला से जुड़ा हुआ है। मान्यता के अनुसार, श्री कृष्ण जमुना तट पर अपने ग्वालों के साथ गेंद खेल रहे थे और इसी दौरान पानी में गिर पड़े थे। यही कारण है कि इस दिन भगवान की झांकी को जल में रखा जाता है।
ग्रामीणों की राय | Dol Gyaras Festival
स्थानीय निवासी ने बताया कि डोल ग्यारस के मौके पर गांव में उत्साह और भक्ति का माहौल है। उन्होंने कहा, “रामराजा मंदिर से लेकर हनुमान मंदिर तक यात्रा ने पूरे गांव को भक्ति और खुशी से सराबोर कर दिया है।”
समापन | Dol Gyaras Festival
इस प्रकार, जल झूलन एकादशी और डोल ग्यारस का त्यौहार सागर जिले में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। भगवान श्री ठाकुर जी की शोभा यात्रा ने सभी को भक्ति और आनंद का अहसास कराया। यह त्यौहार हर साल इसी प्रकार धूमधाम से मनाया जाएगा, यही शुभकामनाएं सभी को।
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