ढोंगी बाबाओं की सच्चाई देखकर भी भारतीय समाज सुधर नहीं रहा है।
निर्मल बाबा एक दिन दरबार में बैठे थे और भक्त अपनी दुख-भरी कहानियाँ सुनाकर बाबा से सलाह मांग रहे थे।
पल्टू :- "बाबा की जय हो। बाबा मुझे कोई रास्ता दिखाओ, मेरी शादी तय नहीं हो रही, आपकी शरण में आया हूँ।"
निर्मल बाबा :- "आप काम क्या करते हो?"
पल्टू :- "शादी होने के लिए कौनसा काम करना उचित रहेगा?"
निर्मल बाबा :- "तुम मिठाई की दुकान खोल लो।"
पल्टू :- "बाबा, वो तो 25 सालों से खुली हुई है, मेरे पिताजी की मिठाई की ही दुकान है।"
निर्मल बाबा :- "शनिवार को सुबह ९ बजे दुकान खोला करो।"
पल्टू :- "शनि मंदिर के बगल में ही मेरी दुकान है और मैं रोज ९ बजे ही खोलता हूँ।"
निर्मल बाबा :- "काले रंग के कुत्ते को मिठाई खिलाया करो।"
पल्टू :- "मेरे घर दो काले कुत्ते ही है, टोनी और बंटी। सुबह शाम मिठाई खिलाता हूँ।"
निर्मल बाबा :- "सोमवार को शिवमंदिर जाया करो।"
पल्टू :- "मैं केवल सोमवार ही नहीं, रोज शिवमंदिर जाता हूँ।दर्शन के बगैर मैं खाने को छूता तक नहीं।"
निर्मल बाबा :- "कितने भाई बहन हो?"
पल्टू :- "बाबा आपके हिसाब से शादी तय होने के लिए कितने भाई बहन होने चाहिए?"
निर्मल बाबा :- "दो भाई, एक बहन होनी चाहिए।"
पल्टू :- "बाबा, मेरे असल में दो भाई एक बहन ही है। प्रकाश, दीपक और मीना।"
निर्मल बाबा :- "दान किया करो।"
पल्टू :- "बाबा मैंने अनाथ आश्रम खोल रखा है, रोज दान करता हूँ।"
निर्मल बाबा :- "एक बार बद्रीनाथ हो आओ।"
पल्टू :- "बाबा आप के हिसाब से शादी होने के लिए कितने बार बद्रीनाथ जाना जरुरी है?"
निर्मल बाबा :- "जिंदगी में एक बार हो आओ।"
पल्टू :-"मैं तीन बार जा चुका हूँ।"
निर्मल बाबा :- "नीले रंग की शर्ट पहना करो।"
पल्टू :- "बाबा मेरे पास सिर्फ नीले रंग के ही कुर्ते है, कल सारे धोने के लिए दिए हैं, वापस मिलेंगे तो सिर्फ वही पहनूंगा!"
बाबा शांत होकर जप करने लगते हैं। सोचते हैं, इस हरामजादे को क्या बोलूं, जो इसने नहीं किया हो!!
पल्टू :- "बाबा, एक बात कहूँ?"
निर्मल बाबा :- "हां जरूर, बोलो बेटा जो बोलना है।"
पल्टू :- "मैं पहले से शादीशुदा हूँ, और तीन बच्चों का बाप भी हूँ। इधर से गुजर रहा था, सोचा तुम्हें उँगली करता चलूँ।"
Sitesh Choudhary
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