Bihar corruption issues | रामाधार सिंह ने बिजली विभाग में क्यों किया धरना?
बिहार के अफसरों के भ्रष्टाचार से क्यों परेशान हैं पूर्व मंत्री और BJP के नेता रामाधार सिंह | Bihar corruption issues
प्रस्तावना: बिहार की राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए, पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रामाधार सिंह ने हाल ही में बिजली विभाग के खिलाफ धरना दिया। उनके आरोपों ने बिहार सरकार और संबंधित अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। आइए जानते हैं कि इस धरने का कारण क्या था और इसके परिणामस्वरूप क्या कार्रवाई हुई।
1. धरने की शुरुआत: | Bihar corruption issues
रामाधार सिंह ने 1 अगस्त को बिहार के बिजली विभाग के कार्यालय के बाहर धरना दिया। उनका आरोप था कि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार ने जनता की समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
2. आरोप और आरोपण: | Bihar corruption issues
- भ्रष्टाचार का आरोप:
- रामाधार सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार के बिजली विभाग में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हो गई है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी कई बार जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहाना:
- उन्होंने बताया कि अधिकारियों का अक्सर कहना होता है कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त हैं, जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पाता।
3. धरने का प्रभाव: | Bihar corruption issues
- अधिकारियों के तबादले:
- धरने के कुछ घंटे बाद, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के CMD संजीव हंस और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव का तबादला कर दिया गया। उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में भेजा गया है।
- सरकार की आलोचना:
- रामाधार सिंह ने कहा कि इस स्थिति में अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की नाकामी के कारण सरकार की बदनामी हो रही है।
4. जनता की समस्याएँ: | Bihar corruption issues
- भ्रष्टाचार की कहानी:
- रामाधार सिंह ने बताया कि कैसे अधिकारी बिजली की आपूर्ति में जानबूझकर रुकावट डालते हैं। एक घटना का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक अधिकारी ने कहा कि लाइन बंद कर दो क्योंकि भारत-पाकिस्तान का मैच होने वाला है।
- गुणवत्ता की कमी:
- उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली के खंभों की गुणवत्ता बेहद खराब है। उदाहरण के तौर पर, पंजाब में टीटा कंपनी द्वारा लगाए गए डिस्क का हवाला दिया, जो कि पूरी तरह से कार्यशील है।
5. राजनीतिक प्रतिक्रिया: | Bihar corruption issues
- भाजपा का रुख:
- रामाधार सिंह ने भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं का समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और वे किसी भी कीमत पर सरकार की बदनामी को रोकेंगे।
- विपक्ष की भूमिका:
- उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष सरकार की बदनामी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से पैसा ले रहा है। उनके अनुसार, विपक्ष को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, न कि सरकार की छवि को धूमिल करना चाहिए।
6. भविष्य की योजनाएँ: | Bihar corruption issues
- संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई:
- रामाधार सिंह ने उम्मीद जताई कि अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
- सुधार की दिशा:
- उन्होंने सरकार से अपील की कि बिजली विभाग में सुधार लाया जाए और जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए।
संबंधित टेबल:
अधिकारी का नाम | पद | तबादला हुआ विभाग |
---|---|---|
संजीव हंस | CMD, Bihar State Power Holding Company | सामान्य प्रशासन विभाग |
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव | प्रधान सचिव | सामान्य प्रशासन विभाग |
उद्धरण: | Bihar corruption issues
- “बिजली विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहाना बनाकर जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। यह स्थिति असहनीय हो गई है।” – रामाधार सिंह
- “हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं और हम भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। सरकार की छवि को धूमिल करने के बजाय हमें समाधान ढूंढने पर ध्यान देना चाहिए।” – रामाधार सिंह
निष्कर्ष: | Bihar corruption issues
बिहार के पूर्व मंत्री और भाजपा के नेता रामाधार सिंह ने बिजली विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उनके धरने और आरोपों ने न केवल अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सरकार की जिम्मेदारी और पारदर्शिता पर भी प्रकाश डाला है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस स्थिति में कितनी सुधार होती है और आगे की कार्रवाई कैसी होती है।
Sitesh Choudhary
Follow Us On Facebook || Subscribe Us On Youtube || Find Us On Instagram ||
Check Us On Pinterest || Follow Us On X (Tweeter)
बिलकुल सही