Bharat Band Support | सुप्रीम कोर्ट का फैसला: चिराग ने क्यों किया भारत बंद का समर्थन?

Bharat Band Support | चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद का समर्थन क्यों किया? जानिए भारत बंद की वजह, चिराग की राजनीति, और बिहार में असर।


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Bharat Band Support | भारत बंद के पीछे का रहस्य: चिराग पासवान की बड़ी चाल!

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद का समर्थन

21 अगस्त को आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद का ऐलान किया है। इस बंद के दौरान कई दलित संगठनों द्वारा सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। बिहार में इस बंद का व्यापक असर देखने को मिल सकता है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। इसका मतलब है कि चिराग पासवान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हैं।

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चिराग पासवान का बयान | Bharat Band Support

चिराग पासवान ने भारत बंद को समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा:

“कल भारत बंद है और मैं इस समाज से आने वाले लोगों की भावना के साथ अपने आप को भी जोड़कर देखता हूं। मेरी पार्टी का भी समर्थन इसको लेकर है।”

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने क्रीमीलेयर और वर्गीकरण के मुद्दे पर अपनी स्थिति को मजबूती से रखा है। चिराग पासवान ने भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी सड़क पर उतरेगी और इस मुद्दे पर समर्थन करेगी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला | Bharat Band Support

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को एससी एसटी ग्रुप के अंदर सब-कैटेगरी बनाने का निर्देश दिया है। इसके अनुसार, आरक्षण में प्राथमिकता उन लोगों को मिलनी चाहिए जिन्हें इसकी वास्तव में जरूरत है।

भारत बंद के कारण | Bharat Band Support

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति और कई अन्य संगठनों ने इस फैसले का विरोध किया है। प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  • एससी एसटी में वर्गीकरण समाप्त किया जाए।
  • एससी एसटी के आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डाला जाए।
  • कॉलेज में क्रीमीलेयर सिस्टम को बंद किया जाए।
  • निजी क्षेत्र और न्यायपालिका में आरक्षण लागू किया जाए।
  • पूरे भारत में जातीय जनगणना कराई जाए।
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चिराग पासवान का समर्थन | Bharat Band Support

चिराग पासवान ने इस बंद का समर्थन करने का निर्णय लिया है। बिहार में नीतीश कुमार ने 2007 में दलित और महादलित में बंटवारा किया था। नीतीश कुमार ने महादलित आयोग का गठन किया था। इस आयोग का उद्देश्य अनुसूचित जातियों में शैक्षणिक, सामाजिक, और आर्थिक रूप से कमजोर जातियों की पहचान करना था।

नीतीश कुमार ने बिहार में हाशिए वाली अनुसूचित जातियों को विशेष सुविधाएं प्रदान की थीं। चिराग पासवान अब अपनी राजनीतिक स्थिति को समझते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं।

चिराग पासवान की राजनीतिक मजबूरी | Bharat Band Support

चिराग पासवान की राजनीतिक मजबूरी यह है कि बिहार में 17% दलित मतदाता हैं और 22 के करीब दलित जातियां हैं। नीतीश कुमार ने दलित नाम महादलित का दाव खेला था, जिसमें 21 दलित जातियों को महादलित घोषित किया गया। इसके अलावा, 2018 में पासवान को भी महादलित वर्ग में शामिल कर लिया गया।

निष्कर्ष | Bharat Band Support

चिराग पासवान की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि दलित राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए वे इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

आपकी राय | Bharat Band Support

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर आपकी क्या राय है? कृपया हमें कमेंट बॉक्स में अपनी राय बताएं और बिहार की तमाम खबरों के लिए हमारे साथ बने रहें।

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