Doctor Fees | मेडिकल टेस्ट की लूट: पप्पू यादव का बड़ा बयान!
Pappu Yadav ने लोकसभा में डॉक्टरों की मनमानी फीस और मेडिकल टेस्ट को लेकर उठाया सवाल
नई दिल्ली:
लोकसभा में आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया, जब सांसद श्री पप्पू यादव ने डॉक्टरों की मनमानी फीस और मेडिकल टेस्ट की बढ़ती लागत पर सवाल उठाए। उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की।
डॉक्टरों की फीस पर सवाल | Doctor Fees
पप्पू यादव ने लोकसभा में कहा कि:
- “डॉक्टरों की फीस हर महीने कई बार बढ़ जाती है। मिडिल क्लास के मरीजों को 500 से कम में नहीं मिलती सेवा। यह कैसे तय होगा?”
उन्होंने विशेष रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया:
- फीस की वृद्धि: मिडिल क्लास के मरीजों को प्रति माह कई बार बुलाया जाता है और फीस 500 रुपये से कम नहीं होती।
- मेडिकल टेस्ट की लागत: अल्ट्रासोनोग्राफी, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांचों की लागत 3800 रुपये से लेकर 12000 रुपये तक होती है, जो कि आम आदमी के लिए बहुत महंगी है।
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की आवश्यकता | Doctor Fees
पप्पू यादव ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का मुद्दा भी उठाया:
- “अमेरिका की तरह भारत में भी यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की आवश्यकता है। यह एक मौलिक अधिकार होना चाहिए।”
उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किए गए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज कानून का उल्लेख किया और इस पर जोर दिया कि इसे पूरे भारत में लागू किया जाना चाहिए।
भारत की दवा पर सवाल | Doctor Fees
पप्पू यादव ने भारत की दवा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए:
- “हमारी दवाएं नेपाल में भी स्वीकार नहीं की जा रही हैं। यह हमारे फार्मा उद्योग के लिए चिंता का विषय है।”
उन्होंने दवा के प्रति कम गुणवत्ता और डॉक्टरों द्वारा केवल कमीशन वाली दवाएं लिखे जाने का भी आरोप लगाया।
डॉक्टरों की मनमानी | Doctor Fees
यादव ने यह भी कहा:
- “प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लीनिक की फीस पर कोई नियंत्रण नहीं है। डॉक्टर खुद ही फीस तय करते हैं और मरीजों को उच्च कीमतें चुकानी पड़ती हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि:
- “सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में अल्ट्रासोनोग्राफी, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी महत्वपूर्ण जांचें उपलब्ध नहीं हैं।”
नियंत्रण की कमी | Doctor Fees
पप्पू यादव ने सरकार से निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देने की अपील की:
- प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लीनिक की फीस को नियंत्रित किया जाए।
- जांच की लागत को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
- प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में आवश्यक मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
सारांश और सुझाव | Doctor Fees
पप्पू यादव ने अपने भाषण में कहा:
- “मैं केवल यह कह रहा हूँ कि हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मेडिकल जांचों की लागत को कम करने और डॉक्टरों की फीस को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को एक निगरानी बोर्ड स्थापित करना चाहिए जो प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लीनिक की फीस और सेवाओं की गुणवत्ता पर नजर रख सके।
अंत में, पप्पू यादव ने लोकसभा में अपनी बात समाप्त की और आशा व्यक्त की कि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी और आवश्यक सुधार करेगी।
Sitesh Choudhary
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Bilkul sahi baat hai.