Parliament building leak | संसद भवन से पानी टपका, मनोज झा का सरकार पर करारा हमला!
संसद भवन से पानी टपकने पर मनोज झा ने राजयसभा में सरकार को घेरा
नई दिल्ली: संसद भवन की छत से पानी टपकने को लेकर राजयसभा में राजद सांसद मनोज झा ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने संसद भवन की मौजूदा स्थिति की तुलना बॉलीवुड की फिल्मों से की और सरकार को सार्वजनिक धारणाओं और कार्यप्रणाली पर कटाक्ष किया।
राजयसभा में हंगामा | Parliament building leak
मनोज झा ने अपने भाषण में संसद भवन की स्थिति को ‘हिंदुस्तानी फिल्मों का सीन’ बताया। उन्होंने कहा, “संसद भवन में छत से पानी टपक रहा है और बाल्टी लगी हुई है। यह दृश्य भारतीय सिनेमा के पुराने दृश्यों की तरह है।”
स्मार्ट सिटी योजना पर सवाल | Parliament building leak
झा ने स्मार्ट सिटी योजना की आलोचना की और इसे केवल नाम की योजना करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर काम करने की बजाय केवल नाम बदलने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
स्वच्छ भारत अभियान पर टिप्पणी | Parliament building leak
स्वच्छ भारत अभियान के संदर्भ में झा ने कहा, “हम गांधी जी के चश्मे को टांग देते हैं, लेकिन स्वच्छता की ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। गांधी जी का चश्मा स्वच्छता को देखने की जरूरत है, ना कि केवल प्रतीकात्मक रूप में।”
शहरीकरण और स्ट्रीट वेंडर्स की स्थिति | Parliament building leak
मनोज झा ने स्ट्रीट वेंडर्स की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स शहरों की रीढ़ हैं और उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने शहरों में बढ़ते असंतुलन और स्लम की समस्याओं पर भी बात की।
स्लम और ग्रामीण पलायन | Parliament building leak
झा ने कहा कि शहरों में स्लम की स्थिति का समाधान केवल पुनर्वास से नहीं होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रामीण पलायन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि शहरों में लोगों की बढ़ती संख्या को सही तरीके से संभाला जा सके।
ड्रेनेज सिस्टम की कमी | Parliament building leak
झा ने ड्रेनेज सिस्टम की कमी पर भी चिंता जताई और हरप्पा और मोहनजोदड़ो के ड्रेनेज सिस्टम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर समय मशीन होती तो वह इन पुराने सिस्टम को वापस लाना चाहेंगे।
हाउसिंग सोसाइटी की स्थिति | Parliament building leak
मनोज झा ने हाउसिंग सोसाइटी में जातिगत और सामुदायिक भेदभाव की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद की हाउसिंग सोसाइटी आज जातियों और समुदायों के नाम पर बंट गई हैं।
उद्धरण: “हमारे शहरों में स्लम केवल एक स्थान नहीं है, यह हमारी नीति और दृष्टिकोण का परिणाम है। हमारे समाज में बदलाव की आवश्यकता है।”
तालिका: स्मार्ट सिटी और स्वच्छता कार्यक्रम की स्थिति
कार्यक्रम | स्थिति | सुझाव |
---|---|---|
स्मार्ट सिटी | केवल नाम की योजना | ठोस कार्य योजना की आवश्यकता |
स्वच्छ भारत अभियान | प्रतीकात्मक दृष्टिकोण | कार्यान्वयन में सुधार |
ड्रेनेज सिस्टम | पुराना और अव्यवस्थित | पुराने सिस्टम का पुनरावलोकन |
हाउसिंग सोसाइटी | जातिगत और सामुदायिक भेदभाव | समावेशी नीति की जरूरत |
निष्कर्ष: मनोज झा ने सरकार की कई योजनाओं और नीतियों की आलोचना करते हुए पार्लियामेंट की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया और सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
Sitesh Choudhary
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