चांदी की खनक के नीचे दबा प्रशासन शासकीय कर्मचारी के अवैध निर्माण को दे रहा शह
खाचरोद, उज्जैन, मध्यप्रदेश : 24 July 2024 : कहने को तो एक आम आदमी से लेकर खास आदमी तक सबके लिए एक जैसा नियम और कानून बना है, लेकिन सरकार की मशीनरी में बैठे जवाबदारों ने आज के समय के नियम कायदों व कानून की परिभाषा को ही अलग-थलग कर दिया है।
एक आम आदमी अपना छोटा सा घर बनाता है तो प्रशासन उसे नियम कायदों की लम्बी-चौड़ी फाइल पकड़ा कर उसी में उलझा देता है। लेकिन एक सफेदपोश ईमानदारी के चोले में रसूखदार हो या शासकीय कर्मचारी को कितनी भी बड़ी इमारत कहीं पर भी बनानी हो तो उसे कुछ नहीं करना पड़ता है। उसके लिए नियमों की भाषा, कानून की परिभाषा तक बदल दी जाती है।
जिसके चलते हर ऐसी जगहों पर भी बड़ी-बड़ी अवैध इमारतें खड़ी हो रही है, जो प्रशासन के साथ-साथ आम जीवन को भी अस्त-व्यस्त करने का काम कर रही है। आपको बता दें कि सालों सेगांवों के मुख्य मार्गो पर जलभराव से जन धन की हानि, भारी जाम और दुर्घटनाओं की पीड़ा को लेकर गरीब आमजन से लेकर शासन से लेकर प्रशासन तक जूझ रहा है। फिर भी अवैध निर्माण की मानों जैसे तहसील में बाढ़ सी आ गई है।
चांदी की खनक के बोझ तले दबे प्रशासन के हाथ ना कि उन पर कार्रवाई करने में स्वयं को असक्षम समझ रहे है, अपितु प्रशासन के नुमाइंदों द्वारा इन्हें देखकर भी अनदेखी कर तहसील को बदहाल स्थिति में ले जाने का काम कर रहे हैं।
कनवास पंचायत के सहायक सचिव ईश्वर लाल ने पद का दुरूपयोग कर नाला के अंदर पक्का तलघर और उसके उपर दुकानों को खड़ा कर किरायेदार छोड़ दिए, जो नाला के मार्ग के अवरुद्ध किया। यह कभी भी बरसात में बड़ा संकट खड़ा कर सकता है। इसी तरह नापाखेड़ी के मुख्य नाला पर नानालाल पाटीदार द्वारा अतिक्रमण कर नाला के मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है। कई वर्षों से गांव में जलभराव को लेकर विवाद होते आए हैं, जिससे कोई भी अधिकारी अनजान नहीं है। फिर भी अतिक्रमण हटाया नहीं जा रहा है।
गांव के जागरूकों ने स्थानीय जवाबदारों से लेकर कलेक्टर तक लिखित जानकारी भी दी है, जिसे मिडिया जगत में भी प्रमुखता से दिखाया गया। पंचायत सहायक सचिव के विभागीय अधिकारी आफिसर सिंह गुर्जर ने भी सहायक सचिव के कृत्य को गलत बताया है, लेकिन अफसोस तहसील के जवाबदार व राजस्व अधिकारी द्वारा कार्रवाई के नाम पर हमेशा महज पंचनामा रिपोर्ट से खानापूर्ति करने के चलते तहसीलों में रसूखदारों और शासकीय कर्मचारी द्वारा अवैध निर्माण को लगातार जारी कर रहा है।
खाचरौद रतलाम मुख्य मार्ग के कनवास सनासला चौपाटी पर स्थित शासकीय नाला पर अवैध भवन ने जहाँ नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रखा है, वहीं तहसील में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा को लेकर भी बढ़ावा देने का काम किया ही है। अगर इस तरह एक शासकीय कर्मचारी को खुलेआम नियम कायदों की धज्जियां उड़ाने का हक है तो फिर एक आम आदमी को भी सडक के फुटपाथ पर अपनी आजीविका चलाने का हक मिलना चाहिए। या फिर, ऐसे अवैध निर्माण को तुरंत हटाकर मोहन सरकार के सुशासन के संदेश को साकार करने का काम करना चाहिए, जो ऐसे उदासीन अधिकारी के बस में नहीं है।
कमलेश पाटीदार की रिपोर्ट
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