Bihar School Ranking System | अब सरकारी स्कूलों की रैंकिंग: जानें कैसे मिलेगी स्टार रेटिंग!
बिहार के सरकारी विद्यालयों की रैंकिंग में बड़ा बदलाव: अब परफॉर्मेंस पर मिलेगी रैंक | Bihar School Ranking System
साल में दो बार होगी रैंकिंग, नई दिशा-निर्देशों के अनुसार
पटना, बिहार – बिहार के सरकारी विद्यालयों की रैंकिंग प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। राज्य के शिक्षा विभाग ने तय किया है कि अब हर साल दो बार सरकारी स्कूलों की रैंकिंग की जाएगी। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और विद्यालयों की समग्र स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ACS एस सिद्धार्थ का नया आदेश | Bihar School Ranking System
बिहार के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, डॉ. एस सिद्धार्थ ने इस नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि इस निर्णय के पीछे विद्यालयों की बेहतर निगरानी और गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है।
“हमने यह निर्णय लिया है कि सरकारी विद्यालयों की रैंकिंग साल में दो बार की जाएगी। इसका उद्देश्य विद्यालयों की परफॉर्मेंस का सटीक आकलन करना और सुधारात्मक कदम उठाना है,” डॉ. सिद्धार्थ ने कहा।
रैंकिंग के मानक | Bihar School Ranking System
नए आदेश के तहत, विद्यालयों की रैंकिंग विभिन्न मानकों पर की जाएगी। इन मानकों में शामिल हैं:
- परीक्षा प्रदर्शन:
- अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के औसत अंक पर 20 अंक मिलेंगे।
- मासिक परीक्षा के औसत अंक पर 10 अंक मिलेंगे।
- उपस्थिति:
- छात्रों और शिक्षकों की तीन महीने की औसत उपस्थिति पर 10 अंक मिलेंगे।
- विद्यालय की स्वच्छता:
- विद्यालय परिसर, रसोई, और शौचालय की साफ-सफाई पर ढाई-ढाई अंक मिलेंगे।
- ड्रेस और पर्सनल हाइजीन:
- छात्रों की ड्रेसिंग और व्यक्तिगत स्वच्छता पर 5 अंक मिलेंगे।
रैंकिंग की प्रक्रिया | Bihar School Ranking System
रैंकिंग की प्रक्रिया के दौरान, निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:
- शिक्षकों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट:
- विद्यालय की रैंकिंग शिक्षकों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएगी।
- विद्यालय की समग्र स्थिति:
- विद्यालय के रखरखाव, पठन-पाठन की गुणवत्ता और साफ-सफाई की स्थिति को भी ध्यान में रखा जाएगा।
- शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति:
- बेहतर उपस्थिति वाले विद्यालय को उच्च रैंकिंग प्राप्त होगी।
रैंकिंग का समय | Bihar School Ranking System
- नवंबर और मार्च में रैंकिंग की जाएगी।
- यह व्यवस्था हर साल दो बार लागू होगी।
उद्देश्य और लाभ | Bihar School Ranking System
इस नई व्यवस्था के मुख्य उद्देश्य हैं:
- गुणवत्ता में सुधार:
- विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना।
- स्वच्छता और रखरखाव:
- विद्यालय परिसर की स्वच्छता को सुनिश्चित करना।
- मूल्यांकन का पारदर्शिता:
- स्पष्ट मानकों के आधार पर विद्यालयों की रैंकिंग।
सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों के लिए पुरस्कार | Bihar School Ranking System
सभी सरकारी विद्यालयों को उनकी रैंकिंग के अनुसार वन स्टार से फाइव स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी। यह रेटिंग विद्यालयों को उनकी परफॉर्मेंस के अनुसार मिलेगी।
निष्कर्ष | Bihar School Ranking System
इस नई रैंकिंग प्रणाली से बिहार के सरकारी विद्यालयों में सुधार की उम्मीद है। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि इस निर्णय से विद्यालयों की समग्र स्थिति और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
“हमारा लक्ष्य है कि हर विद्यालय को एक मानक पर लाया जाए, जिससे कि शिक्षा का स्तर सभी विद्यालयों में समान हो,” डॉ. सिद्धार्थ ने अंतिम टिप्पणी दी।
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