Child Labor Liberation | बाल श्रम का अंत: दरभंगा में जारी छापेमारी का खुलासा
बाल श्रमिकों की विमुक्ति: दरभंगा में की गई कार्रवाई | Child Labor Liberation
दरभंगा, 04 सितंबर 2024: श्रम अधीक्षक श्री किशोर कुमार झा के नेतृत्व में दरभंगा के मनीगाछी प्रखंड में बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए गहन छापेमारी की गई। यह कार्रवाई बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत की गई।
छापेमारी की मुख्य बातें | Child Labor Liberation
- सार्थक कार्रवाई: गुप्ता बिरयानी महथौर मनीगाछी से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया।
- विमुक्ति की संख्या: वित्तीय वर्ष 2024-25 में श्रम विभाग ने अब तक जिले में 13 बाल श्रमिकों को विमुक्त किया है।
- पुनर्वास की प्रक्रिया: विमुक्त बाल श्रमिकों और उनके परिवारों को विभिन्न विभागों के सहयोग से पुनर्वास किया जा रहा है।
श्रम विभाग की निरंतर कार्रवाई | Child Labor Liberation
श्रम अधीक्षक श्री झा ने बताया कि बाल श्रमिकों से अवैध रूप से कार्य करवाने वाले नियोजकों में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया है। यह दहशत श्रम विभाग की लगातार की जा रही कठोर कार्रवाई के कारण है।
कठोर कदम उठाए गए हैं:
- कठोर कार्रवाई: नियोजकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी है।
- सामाजिक जागरूकता: बाल श्रम के खिलाफ सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर, बैनर और फ्लैक्स लगाए गए हैं।
समाज की भूमिका | Child Labor Liberation
श्रम अधीक्षक ने बल देते हुए कहा कि बाल श्रम जैसी कुप्रथा को समाज की जागरूकता और सबके सहयोग से ही समाप्त किया जा सकता है।
धावा-दल की टीम | Child Labor Liberation
आज के धावा-दल में निम्नलिखित अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल थे:
नाम | पद |
---|---|
दिलीप कुमार | श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, केवटी प्रभारी |
नवचन्द्र प्रकाश | श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बेनीपुर |
रजत राउत | श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, तारडीह |
नीतीश कुमार | श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, किरतपुर |
साधना भारती | श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, हायाघाट |
सहाना प्रवीण | श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बहादुरपुर |
नारायण कुमार मजमुदार | कार्डस् संस्था के प्रतिनिधि |
03 पुलिस कर्मी | पुलिस कर्मी |
समाजिक परिप्रेक्ष्य | Child Labor Liberation
बाल श्रम की समस्या को लेकर समाज में गहरी चिंता है। यह मुद्दा केवल सरकारी कार्रवाई से नहीं सुलझ सकता; समाज के सभी वर्गों को मिलकर इस कुप्रथा को समाप्त करने की दिशा में कार्य करना होगा।
श्रम अधीक्षक का संदेश: “हमारी जिम्मेदारी है कि हम बाल श्रमिकों को उनके अधिकार दिलाएं और उन्हें उचित शिक्षा और पुनर्वास प्रदान करें।”
निष्कर्ष | Child Labor Liberation
बाल श्रमिकों की विमुक्ति के प्रयास लगातार जारी हैं। श्रम विभाग की ये कार्रवाई उम्मीद जगाती है कि भविष्य में बाल श्रम के खिलाफ समाज की संवेदनशीलता और कड़ी हो जाएगी। यह केवल शुरुआत है, और समाज की सहभागिता से ही इस कुप्रथा का अंत संभव है।
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