Sunil Singh Suspension | सुनील सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
प्रमुख बिंदु
- पूर्व MLC सुनील सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
- बिहार विधान परिषद की सदस्यता रद्द होने पर की याचिका
- सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया
- अंतरिम राहत नहीं, अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय | Sunil Singh Suspension
पूर्व बिहार विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह ने अपनी सदस्यता रद्द किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि उनकी सदस्यता को बहाल किया जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर फिलहाल कोई राहत नहीं दी है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथ की पीठ ने इस मामले में अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिका पर जवाब देने के लिए बिहार विधान परिषद और अन्य संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस: | Sunil Singh Suspension
- बिहार विधान परिषद
- अध्यक्ष कार्यालय
- भारतीय निर्वाचन आयोग
सुप्रीम कोर्ट ने इन पक्षकारों को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
मामला क्या है? | Sunil Singh Suspension
सुनील सिंह, जो कि बिहार विधान परिषद के सदस्य थे, को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए निष्कासित किया गया था। विधान परिषद की आचार समिति ने उनकी टिप्पणियों को अमर्यादित माना और उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की।
सिंह ने अपनी सफाई में कहा कि उनके शब्द अमर्यादित नहीं थे, लेकिन आचार समिति ने उनकी दलीलों को अस्वीकार कर दिया।
सुनील सिंह की स्थिति | Sunil Singh Suspension
- तथ्यों पर ध्यान: सुनील सिंह का कहना है कि जिन शब्दों का उपयोग किया गया, वे आमतौर पर मीडिया में इस्तेमाल होते हैं।
- कमेटी की प्रतिक्रिया: समिति ने उनकी सफाई को नकारते हुए निष्कासन की सिफारिश की।
आने वाला समय | Sunil Singh Suspension
अब यह देखना होगा कि अगले चार सप्ताह में बिहार विधान परिषद और अन्य पक्षकार सुप्रीम कोर्ट को किस तरह की सफाई प्रस्तुत करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की पूरी जांच के लिए समय दिया है और सभी पक्षकारों को जवाब देने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की समीक्षा:
- अंतरिम राहत: फिलहाल नहीं दी गई
- नोटिस: सभी संबंधित पक्षकारों को जारी किया गया
- समयसीमा: चार सप्ताह
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से सुनील सिंह को तत्काल राहत नहीं मिली है, लेकिन यह सुनिश्चित करेगा कि सभी पक्षकारों को इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर मिले।
इस निर्णय के बाद, बिहार विधान परिषद और सुनील सिंह के बीच इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह आने वाला समय ही बताएगा।
उद्धरण: “सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फिलहाल कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया है, लेकिन सभी पक्षकारों से जवाब मांगने के लिए नोटिस जारी किया है।” – सुप्रीम कोर्ट
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