Baba Neelkantheshwar Mahadev Procession | खाचरोद में निकली बाबा नीलकण्ठेश्वर की धूमधाम से सवारी!
बाबा नीलकण्ठेश्वर महादेव की चौथी सवारी: अद्भुत शोभायात्रा निकली
खाचरोद में पारंपरिक शाही सवारी का आयोजन
खाचरोद – बाबा नीलकण्ठेश्वर महादेव की चौथी सवारी का आयोजन सावन मास में धूमधाम से किया गया। इस प्राचीन मंदिर से निकली इस सवारी ने नगरवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भगवान नीलकण्ठेश्वर महादेव की पालकी को देखने और आरती उतारने के लिए नगर में बड़ी संख्या में भक्तजन इकट्ठा हुए।
सवारी का भव्य आयोजन | Baba Neelkantheshwar Mahadev Procession
- बैलगाड़ी पर सवार: बाबा नीलकण्ठेश्वर महादेव की सवारी बैलगाड़ी पर आकर्षक श्रृंगार के साथ निकली। इस शाही सवारी का प्रमुख आकर्षण बाबा की मनोहारी झांकी थी, जिसे भक्तजनों ने बड़े उत्साह के साथ देखा।
- ढोल-ढमाके और बैंड-बाजों के साथ: सवारी के साथ ढोल-ढमाके और डीजे बैंड की धुनों ने पूरे वातावरण को धार्मिक और उल्लासपूर्ण बना दिया।
- नगरवासियों की श्रद्धा: भक्तों ने जगह-जगह पालकी के दर्शन किए और आरती उतारी। भक्तों की श्रद्धा का आलम यह था कि पालकी की राहों में फूलों की बारिश की गई।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम | Baba Neelkantheshwar Mahadev Procession
प्रशासन ने सवारी के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पालकी की सुरक्षा के लिए पुलिस की टुकड़ी तैनात की गई थी, जो पूरे समय बाबा की सेवा में लगी रही।
आयोजन का विवरण | मुख्य आकर्षण | सुरक्षा व्यवस्था |
---|---|---|
प्राचीन नीलकण्ठेश्वर महादेव मंदिर | बैलगाड़ी पर आकर्षक झांकी | पुलिस की टुकड़ी तैनात |
सावन मास की चौथी सवारी | ढोल-ढमाके, बैंड-बाजे | प्रशासन की निगरानी |
भक्तों की प्रतिक्रिया | Baba Neelkantheshwar Mahadev Procession
सवारी में शामिल एक भक्त ने कहा, “बाबा नीलकण्ठेश्वर महादेव की सवारी हर साल हमारा मन मोह लेती है। इस बार की झांकी विशेष रूप से आकर्षक थी और पूरे नगर में अद्भुत माहौल बना हुआ था।”
धार्मिक उत्सव की महत्ता | Baba Neelkantheshwar Mahadev Procession
इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों का महत्व सिर्फ धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है। ये आयोजन हमारी संस्कृति और परंपराओं को भी जीवित रखते हैं। बाबा नीलकण्ठेश्वर महादेव की चौथी सवारी का यह आयोजन एक बार फिर से इस बात का प्रमाण है कि हमारी परंपराएं आज भी जीवित हैं और इन्हें पीढ़ियों तक संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष | Baba Neelkantheshwar Mahadev Procession
बाबा नीलकण्ठेश्वर महादेव की सवारी ने खाचरोद के लोगों के दिलों में धार्मिक आस्था की लौ फिर से जलाई है। यह सवारी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। आने वाले वर्षों में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे और हमारी परंपराओं को जीवित रखेंगे।
“धर्म, आस्था और संस्कृति का संगम इन आयोजनों में देखने को मिलता है,” – एक वरिष्ठ नागरिक
इस प्रकार के आयोजनों का महत्व केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं है। ये हमारी संस्कृति और सामाजिक संरचना को भी मजबूती देते हैं। Baba Neelkantheshwar Mahadev की चौथी सवारी इस बात का प्रतीक है कि हमारी परंपराएं आज भी जीवित हैं और इन्हें पीढ़ियों तक संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है।
Follow Us On Facebook || Subscribe Us On Youtube || Find Us On Instagram ||
Check Us On Pinterest || Follow Us On X (Tweeter)
0 Comments