Kolkata Junior Doctor Case | हॉस्पिटल का काला सच: चार स्टाफ़ पर शक की चादर!
कोलकाता: 9 अगस्त की रात को आरजी करर हॉस्पिटल में घटित हुए दर्दनाक घटनाक्रम ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। कोलकाता की एक जूनियर डॉक्टर की मौत के मामले ने अब नए मोड़ ले लिया है। सीबीआई द्वारा जांच के तहत सामने आई जानकारी ने न केवल इस मामले की गंभीरता को उजागर किया है, बल्कि कई महत्वपूर्ण सवाल भी खड़े किए हैं। इस रिपोर्ट में हम उन चार मुख्य स्टाफ़ सदस्यों के बयानों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, जिन्होंने आखिरी बार जूनियर डॉक्टर को ज़िंदा देखा था। साथ ही, हम घटना की पूरी कहानी, फॉरेंसिक रिपोर्ट, और पॉलीग्राफ टेस्ट के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करेंगे।
सीसीटीवी फुटेज और गवाहों की कहानी | Kolkata Junior Doctor Case
सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग
9 अगस्त की रात को सेमिनार हॉल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों ने घटनाओं की एक श्रृंखला को कैद किया। इस फुटेज में विभिन्न संदिग्ध गतिविधियों का पता चला है, जिसमें एक प्रमुख व्यक्ति संजय राय है। सीसीटीवी फुटेज ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि संजय राय रात के विभिन्न समय पर हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में मौजूद था।
- फुटेज में गतिविधियाँ: फुटेज में देखा गया कि संजय राय रात 12 बजे के आस-पास सेमिनार हॉल में प्रवेश करता है और 37 मिनट तक वहीं रहता है। इसके बाद वह हॉस्पिटल से बाहर निकलता है। इस दौरान, सेमिनार हॉल के अंदर और आसपास कई अन्य लोग भी देखे गए, जो इस मामले में गवाह के रूप में सामने आए हैं।
गवाहों के बयान
सीबीआई ने उन गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जो उस रात हॉस्पिटल में मौजूद थे। इनमें चार मुख्य व्यक्ति शामिल हैं, जिनके बयान और गतिविधियाँ जांच के केंद्र में हैं:
- रको: एक फर्स्ट ईयर पीजी ट्रेनी डॉक्टर। उनका दावा है कि वे और सुमित्रा, जूनियर डॉक्टर के साथ रात 12 बजे से लेकर 2 बजे तक सेमिनार हॉल में थे।
- सुमित्रा: एक अन्य फर्स्ट ईयर पीजी ट्रेनी डॉक्टर। उन्होंने भी वही बयान दिया है जो रको ने दिया।
- गोलम: एक हाउस स्टाफ सदस्य। उनका कहना है कि वे रात की ड्यूटी पर थे और हॉस्पिटल में ही मौजूद थे।
- सुबोध: एक इंटर्न, जो उस रात हॉस्पिटल में था। उसने भी अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है।
फॉरेंसिक रिपोर्ट का निष्कर्ष | Kolkata Junior Doctor Case
रेप या गैंग रेप
फॉरेंसिक रिपोर्ट ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रस्तुत किया है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह मामला गैंग रेप का नहीं, बल्कि एकल रेप का है।
- डीएनए प्रोफाइलिंग: फॉरेंसिक रिपोर्ट में पाया गया कि विक्टिम के शरीर से प्राप्त सैंपल में केवल एक ही डीएनए प्रोफाइल मिला है, और वह संजय राय का है। इसका मतलब है कि मामले में केवल एक आरोपी है।
- पुलिस और सीबीआई की कार्रवाई: पहले कोलकाता पुलिस के कब्जे में आने के बाद, इस मामले को सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने संजय राय के ब्लड सैंपल की डीएनए प्रोफाइलिंग की और इसे विक्टिम के डीएनए से मिलाया। परिणाम स्पष्ट था कि केवल संजय राय का डीएनए विक्टिम के शरीर से मेल खाता है, जिससे गैंग रेप के आरोप खारिज हो गए हैं।
पॉलीग्राफ टेस्ट | Kolkata Junior Doctor Case
चार प्रमुख लोग
सीबीआई ने चार स्टाफ़ सदस्यों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। ये चार लोग आख़िरी बार जूनियर डॉक्टर के संपर्क में थे और उनकी बयानों में असंगतियां पाई गई हैं।
- टेस्ट की आवश्यकता: पॉलीग्राफ टेस्ट यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि इन चार गवाहों के बयानों में कोई झूठ या छुपी हुई जानकारी तो नहीं है। सीबीआई को संदेह है कि हो सकता है कि इन व्यक्तियों ने कुछ सबूतों के साथ छेड़छाड़ की हो।
- पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया: पॉलीग्राफ टेस्ट में गवाहों के शारीरिक संकेतों (जैसे कि दिल की धड़कन, रक्तचाप) को मापा जाता है, जब वे सवालों के जवाब देते हैं। यह टेस्ट यह पता लगाने में मदद करता है कि गवाह ईमानदार हैं या नहीं।
रात की घटनाएँ | Kolkata Junior Doctor Case
जूनियर डॉक्टर की स्थिति
8 अगस्त की रात को जूनियर डॉक्टर ने लगभग 36 घंटे की ड्यूटी के बाद अपने सहयोगियों के साथ खाना खाया। उनका काम पूरा होने के बाद वे सेमिनार हॉल में गईं, जहाँ से उनकी लाश मिली।
- रात 12 बजे का खाना: जूनियर डॉक्टर ने रात 12 बजे के आस-पास खाना खाया। उनके साथ फर्स्ट ईयर के दो स्टूडेंट्स, रको और सुमित्रा भी थे। ये दोनों जूनियर डॉक्टर से सीनियर थे।
- सेमिनार हॉल में समय: खाना खाने के बाद, तीनों सेमिनार हॉल में चले गए। वे वहां रात 2 बजे तक रहे। इस दौरान, सेमिनार हॉल में कोई संदिग्ध गतिविधियाँ देखी गईं।
संजय राय की गतिविधियाँ
संजय राय को उस रात रेड लाइट एरिया में देखा गया और फिर हॉस्पिटल में आते हुए पाया गया। सीसीटीवी फुटेज में उसकी गतिविधियाँ स्पष्ट रूप से दर्ज की गई हैं।
- संजय राय का हॉस्पिटल में आगमन: संजय राय रात 12 बजे के आस-पास हॉस्पिटल में दाखिल हुआ। वह 37 मिनट तक सेमिनार हॉल में रहा और फिर बाहर निकल गया।
- उसकी उपस्थिति: संजय राय की उपस्थिति और गतिविधियाँ सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों से मेल खाती हैं। उसकी गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है।
वर्तमान स्थिति और आगे की कार्रवाई | Kolkata Junior Doctor Case
सीबीआई की जांच
सीबीआई ने इस मामले की गहन जांच शुरू की है और चार स्टाफ़ सदस्यों के बयानों की जांच की जा रही है। पॉलीग्राफ टेस्ट के परिणामों से मामले की सच्चाई स्पष्ट हो सकती है।
- पॉलीग्राफ टेस्ट की तैयारी: पॉलीग्राफ टेस्ट की तैयारी चल रही है और इसके परिणामों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रिंसिपल की भूमिका
आरजी करर हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को मामले से हटा दिया गया है। उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
- प्रिंसिपल का इस्तीफा: संदीप घोष ने अपनी पद से इस्तीफा दे दिया है और उनकी भूमिका की जांच चल रही है।
उद्धरण | Kolkata Junior Doctor Case
“सीबीआई को लगता है कि चार प्रमुख गवाहों ने अपनी बयानों में कुछ छुपाया है। पॉलीग्राफ टेस्ट इनकी सच्चाई को सामने लाने में मदद करेगा।” – एक सीबीआई सूत्र
तालिका: रात की घटनाएँ | Kolkata Junior Doctor Case
समय | घटना |
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रात 12 बजे | जूनियर डॉक्टर और दो फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स ने खाना खाया |
रात 12-2 बजे | तीनों सेमिनार हॉल में रहे |
37 मिनट | संजय राय सेमिनार हॉल के अंदर रहे |
अंतिम विचार | Kolkata Junior Doctor Case
जूनियर डॉक्टर की मौत का मामला अभी भी सीबीआई की जांच के तहत है। चार स्टाफ़ सदस्यों के बयानों और पॉलीग्राफ टेस्ट के परिणामों के आधार पर मामले की सच्चाई सामने आ सकती है। यह घटनाक्रम समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय सुनिश्चित किया जाए। इस मामले की प्रगति पर हमारी नजरें बनी रहेंगी और आगे की जानकारी समय-समय पर प्रदान की जाएगी।
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