Labor Rights Workshop | जानिए दरभंगा में श्रम विभाग ने कैसे बदली श्रमिकों की ज़िंदगी!
श्रम अधिकार दिवस पर दरभंगा में श्रमिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
दरभंगा, 22 अगस्त 2024: श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर दरभंगा के प्रेक्षागृह, लहेरियासराय में एक दिवसीय श्रमिक प्रशिक्षण शिविर-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन दरभंगा के जिला पदाधिकारी श्री राजीव रौशन, उप विकास आयुक्त श्री चित्रगुप्त कुमार और श्रम अधीक्षक श्री राकेश रंजन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
बाल श्रम के उन्मूलन पर जोर | Labor Rights Workshop
कार्यशाला में बाल श्रम के मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया गया। बाल श्रम को एक शिक्षित समाज के लिए कलंक बताते हुए इसे समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया गया। अधिकारियों ने यह भी कहा कि 14 वर्ष की आयु से कम के बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन विद्यालय में होना चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार के श्रम से दूर रखना चाहिए।
“बच्चों की उम्र खेलने-कूदने और स्कूल जाने की होती है, न कि ढाबा, दुकान या किसी प्रतिष्ठान में कार्य करने की,” श्री राजीव रौशन ने कहा।
न्यूनतम मजदूरी की दरों की जानकारी | Labor Rights Workshop
श्रम अधीक्षक ने कार्यशाला में उपस्थित श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 01 अप्रैल 2024 से लागू नई दरें निम्नानुसार हैं:
कामगार का प्रकार | न्यूनतम मजदूरी (रुपये प्रतिदिन, 8 घंटे) |
---|---|
अकुशल कामगार | 410 |
अर्द्धकुशल कामगार | 426 |
कुशल कामगार | 519 |
अतिकुशल कामगार | 634 |
पर्यावेक्षकीय और लिपिकीय कार्य | 11736 (रुपये प्रतिमाह) |
श्रमिकों को यह जानकारी दी गई कि यदि किसी नियोजक द्वारा इन दरों से कम भुगतान किया जाता है, तो वे इसकी लिखित शिकायत जिला श्रम अधीक्षक या प्रखंड में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के पास कर सकते हैं।
सरकार की योजनाओं की जानकारी | Labor Rights Workshop
जिला पदाधिकारी श्री राजीव रौशन ने दरभंगा जिला में चल रही सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की सराहना की। उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी तत्परता के लिए धन्यवाद दिया, जिससे जरूरतमंदों को समय पर लाभ पहुंचाया जा रहा है।
“दरभंगा जिला राज्य स्तर पर रैंकिंग में हमेशा टॉप फाइव में रहता है, और यह श्रमिक बंधुओं के सहयोग के बिना संभव नहीं है,” उन्होंने कहा।
श्री रौशन ने विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य समाज को बेहतर बनाना और आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाना है।
श्रमिकों की भूमिका पर जोर | Labor Rights Workshop
श्री रौशन ने कहा कि श्रमिकों द्वारा की जाने वाली मेहनत बिहार की अर्थव्यवस्था और देश की जीडीपी में योगदान करती है। उन्होंने श्रमिकों को उनकी भूमिका के महत्व को समझने की अपील की। उन्होंने कहा कि जहां पूंजी होती है, वहां उसका सही उपयोग तभी होता है जब उसमें श्रम शामिल हो।
“पूंजी और श्रम दोनों विकास के रथ के पहिए हैं, और दोनों का चलना आवश्यक है,” उन्होंने कहा।
श्रम के महत्व पर चर्चा | Labor Rights Workshop
कार्यशाला में श्रम के महत्व पर भी चर्चा की गई। श्री रौशन ने कहा कि यदि श्रम स्किल्ड हो जाता है, तो उसका मूल्य बढ़ जाता है और वह समाज का बेहतर तरीके से सेवा कर सकता है। उन्होंने श्रम संसाधन विभाग द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी सराहना की।
बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना | Labor Rights Workshop
कार्यशाला में बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना पर भी चर्चा की गई। इस योजना के तहत यदि किसी मेहनतकश की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो सरकार द्वारा 2 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है।
श्रमिकों को यह भी जानकारी दी गई कि जो निर्माण श्रमिक बड़े-बड़े प्रतिष्ठान बनाते हैं, उन्हें भी विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ दिया जाता है।
सांकेतिक चेक का वितरण | Labor Rights Workshop
कार्यशाला के दौरान जिला पदाधिकारी श्री रौशन ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों के बीच सांकेतिक चेक का वितरण किया।
- मृत्यु हित अनुदान लाभ: श्रीमती सारो देवी, मीरा देवी
- मातृत्व लाभ: श्रीमती रूबी देवी
- विवाह सहायता: श्री श्याम राम, श्री राजा चौपाल, श्रीमती खेमिया देवी, श्रीमती वीणा देवी, श्रीमती ठकनी देवी, मो. शौकत, श्रीमती सुलेखा देवी
- पेंशन योजना: श्रीमती सरस्वती देवी
- पितृत्व लाभ: श्री राजा कुमार
- नगद पुरस्कार: रूपा कुमारी
- बिहार शताब्दी अनुदान योजना: श्रीमती भारती देवी, प्रिती कुमारी, सूरज कुमार
श्रमिकों में उत्साह | Labor Rights Workshop
कार्यक्रम के समापन के बाद श्रमिकों में विशेष उत्साह देखा गया। वे श्रम संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर खुश थे।
“यहां आकर हमें अपने श्रमिक अधिकारों की जानकारी मिली,” श्रमिकों ने बताया।
इस प्रकार, श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यशाला ने श्रमिकों को उनकी भूमिका, अधिकार और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी, जिससे वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें।
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