Supreme Court Reservation Decision | भीम आर्मी का बड़ा विरोध: राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन!
भीम आर्मी और बसपा की रैली: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में ज्ञापन सौंपा
गरौठा, झांसी
21 अगस्त, 2024 – एससी-एसटी आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट के किरिमिलेयर फैसले के खिलाफ आज गरौठा में भीम आर्मी और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने संयुक्त रूप से एक शांतिपूर्ण रैली निकाली। इस रैली का आयोजन “भारत बंद” के आह्वान के तहत किया गया था। इस दौरान उपजिलाधिकारी गरौठा को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया।
भारत बंद का आह्वान | Supreme Court Reservation Decision
21 अगस्त को Supreme Court SC-ST Reservation में किरिमिलेयर के फैसले के विरोध में पूरे देश में India Bandh का आह्वान किया गया था। इस आह्वान का उद्देश्य सरकार और न्यायपालिका को इस फैसले के प्रभावों के प्रति जागरूक करना था, जिसमें आरक्षण के उपवर्गीकरण का निर्णय शामिल था।
रैली का आयोजन | Supreme Court Reservation Decision
रैली के लिए भीम आर्मी और बसपा के समर्थक गरौठा के मऊरानीपुर बस स्टैंड पर एकत्र हुए। वहां से रैली का प्रारंभ हुआ, जो बाजार के मुख्य मार्गों से होकर धर्मशाला पहुंची। अंततः रैली उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंची, जहां उपजिलाधिकारी अविनाश कुमार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में क्या था?
ज्ञापन में मुख्य रूप से संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का उल्लेख किया गया, जिसके तहत आरक्षण और सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर संरक्षण प्रदान किया गया है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि किसी प्रकार के वर्गीकरण को सम्मिलित नहीं किया गया है। ज्ञापन में केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से आरक्षण में उपवर्गीकरण का निर्णय लेने का आरोप लगाया गया है, जिसका भीम आर्मी और बसपा ने विरोध किया है।
स्थानीय पुलिस की सक्रियता | Supreme Court Reservation Decision
रैली के दौरान India Bandh को ध्यान में रखते हुए कोतवाली पुलिस पूरी तरह से सक्रिय रही। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि रैली शांति पूर्वक सम्पन्न हो और किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति | Supreme Court Reservation Decision
रैली में कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें:
- सोनू विश्वकर्मा
- डॉ. रणजीत सिंह – पूर्व जिला उपाध्यक्ष, भीम आर्मी
- प्रीतम गौतम – पूर्व जिला उपाध्यक्ष
- अजय दुरखुरू – बीएसपी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष
- राहुल गौतम – तहसील संयोजक
- रोहित भैया – मंडल कार्यकारिणी सदस्य
- अखिलेश अहिरवार
- राधेलाल मिस्त्री
घटना का महत्त्व | Supreme Court Reservation Decision
इस रैली का मुख्य उद्देश्य Supreme Court SC-ST Reservation के फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाना था। रैली में शामिल लोगों ने अपने विचार प्रकट किए और इस फैसले को न्यायसंगत नहीं माना।
सारणी: प्रमुख मुद्दे और ज्ञापन की मुख्य बातें | Supreme Court Reservation Decision
मुद्दा | ज्ञापन की मुख्य बातें |
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Supreme Court का फैसला | किरिमिलेयर के आधार पर आरक्षण में उपवर्गीकरण का फैसला |
संविधान के अनुच्छेद | 15(4) और 16(4) के तहत संरक्षण, बिना वर्गीकरण |
आरोप | केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से आरक्षण में उपवर्गीकरण का निर्णय लिया |
प्रतिक्रिया | भीम आर्मी और बसपा का विरोध |
भविष्य की योजना | Supreme Court Reservation Decision
भीम आर्मी और बसपा ने इस रैली के बाद आगे की रणनीति पर भी चर्चा की। उनके अनुसार, अगर सरकार और न्यायपालिका उनके मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो वे और बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
उद्धरण: | Supreme Court Reservation Decision
“हमारा यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक हमारे अधिकारों की रक्षा नहीं हो जाती। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला हमारे समाज के लिए एक बड़ा खतरा है और हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।”
- डॉ. रणजीत सिंह, पूर्व जिला उपाध्यक्ष, भीम आर्मी
निष्कर्ष | Supreme Court Reservation Decision
यह रैली और ज्ञापन सौंपना इस बात का संकेत है कि Supreme Court SC-ST Reservation पर केंद्रित यह विवाद अभी थमने वाला नहीं है। भीम आर्मी और बसपा ने साफ कर दिया है कि वे इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे।
Supreme Court SC-ST Reservation के फैसले पर उत्पन्न विवाद को देखते हुए, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और न्यायपालिका इस पर क्या कदम उठाती है।
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