SC/ST Creamy Layer Act | जातिगत जनगणना की मांग तेज, खाचरोद में भारी विरोध प्रदर्शन
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खाचरोद में विरोध प्रदर्शन: एससी-एसटी क्रीमिलेयर एक्ट पर धरना, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा
खाचरोद
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त को दिए गए फैसले के खिलाफ खाचरोद में अनुसूचित जाति, जनजाति, और पिछड़ा वर्ग के लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय अनुच्छेद 16(4), 341, 342 एवं संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया जा रहा है, जो एससी-एसटी वर्ग के लोगों के बीच विभाजन कर सकता है। इसी के विरोध में आज पूरे देश में भारत बंद का आह्वान किया गया था, जिसे खाचरोद तहसील के लोगों ने भी समर्थन दिया।
प्रमुख मांगें और ज्ञापन | SC/ST Creamy Layer Act
- Focus Keyword: SC/ST Creamy Layer Act, Reservation, Caste-Based Census
- विरोध करने वालों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
- ज्ञापन में मांग की गई कि एससी/एसटी वर्गीकरण कोटे में कोटा पर तुरंत कानून बनवाकर इसे रोका जाए।
- जातिगत जनगणना कराकर 100% आरक्षण लागू करने की भी मांग की गई।
ज्ञापन की मुख्य बातें | SC/ST Creamy Layer Act
- SC/ST वर्गीकरण का विरोध: विरोधकर्ताओं ने इस फैसले को अनुचित बताते हुए कहा कि यह अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को बांटने का कार्य करेगा।
- Caste-Based Census की मांग: देश में जातिगत जनगणना की जाए और उसके अनुसार आरक्षण लागू किया जाए, ताकि सभी वर्गों को उनके जनसंख्या के अनुसार आरक्षण का लाभ मिल सके।
- Reservation पर बहस समाप्त: ज्ञापन में कहा गया कि जातिगत आरक्षण की बहस को समाप्त करने के लिए, जातिगत जनगणना कर इसे लागू किया जाए।
धरने में शामिल लोग | SC/ST Creamy Layer Act
धरने में प्रमुख रूप से संयोजक राकेश कुमार राठौर के नेतृत्व में ओंकार लाल खाचरोटियारोटियां, राहुल लिमबोला, लखन गोहर, मदन गुजराती, अर्जुन पहलवान, वीरेन चौहान, नंदराम देवड़ा, जगदीश परिहार, संजय राठौर, राजू चौहान, तरुण परिहार, अर्जुन चौहान, अजय मालवीय, गोपाल मालवीय, दशरथ चंद्रवंशी, सुरेश चौहान, और मोहनलाल बेवंदिया सहित कई ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
धरने का प्रभाव और भारत बंद की प्रतिक्रिया | SC/ST Creamy Layer Act
खाचरोद तहसील में भारत बंद का असर मिला-जुला रहा। कुछ जगहों पर दुकानें बंद रहीं तो कुछ जगहों पर सामान्य जनजीवन चलता रहा। हालांकि, विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी।
आरक्षण पर लगातार बहस | SC/ST Creamy Layer Act
ज्ञापन में इस बात पर जोर दिया गया कि देश में आरक्षण का मुद्दा बेहद संवेदनशील है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में बार-बार अपीलें होती हैं, जिससे इस मुद्दे पर बार-बार बहस होती रहती है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि अगर जातिगत जनगणना कराकर आरक्षण लागू किया जाए तो इस बहस को समाप्त किया जा सकता है।
मुद्दा | ज्ञापन की मांगें |
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SC/ST Creamy Layer Act | कोटा पर कानून बनाकर रोक लगाया जाए |
Caste-Based Census | 100% आरक्षण लागू किया जाए |
Reservation Debate | बहस को समाप्त करने के लिए जातिगत जनगणना |
संवेदनशीलता और सामाजिक न्याय | SC/ST Creamy Layer Act
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि जाति व्यवस्था भारत की सच्चाई है, और हजारों वर्षों से शोषित, वंचित, और पीड़ित जातियां आज भी आरक्षण का पूरा लाभ नहीं उठा पा रही हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि संविधान के मूल भावना के अनुरूप सभी वर्गों को उनके जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का लाभ मिले।
विरोध प्रदर्शन के बाद सभी ने यह आशा व्यक्त की कि सरकार इस विषय पर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी, ताकि सामाजिक न्याय की स्थापना हो सके और सभी वर्गों के लोगों को उनका हक मिल सके।
निष्कर्ष | SC/ST Creamy Layer Act
खाचरोद में हुआ यह विरोध प्रदर्शन देशभर में फैले असंतोष का एक छोटा सा हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने एक बार फिर आरक्षण और जातिगत विभाजन के मुद्दे को गरमा दिया है। आने वाले दिनों में इस पर क्या कार्रवाई होती है, यह देखने वाली बात होगी।
समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता और समानता बनाए रखने के लिए इस मुद्दे पर सरकार को जल्द से जल्द कोई समाधान निकालना होगा।
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