Empowering Women Through Livelihood Training | जीविका दीदियाँ बनेंगी शौचालय विशेषज्ञ, जानिए कैसे!
डॉ. ऋचा गार्गी ने किया उद्घाटन, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
दरभंगा, 08 अगस्त 2024 – केवटी प्रखण्ड में एक नई शुरुआत हुई है। यहाँ 25 जीविका दीदियों के लिए रानी मिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण का उद्घाटन आज केवटी प्रखण्ड मुख्यालय के सभागार में किया गया।
जीविका ने महिलाओं के जीवन में लाया बदलाव | Empowering Women Through Livelihood Training
जीविका के डी.पी.एम डॉ. ऋचा गार्गी ने उद्घाटन समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा कि,
“जीविका महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, तकनीकी ज्ञान और आसान दरों पर ऋण मुहैया करवाकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जा रहा है। इससे न केवल महिलाएँ आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं, बल्कि समाज में अपनी पहचान भी बना रही हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि सूबे की आधी आबादी घूँघट प्रथा का परित्याग कर पुरुष प्रधान समाज में कदम से कदम मिलाकर चल रही है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य | Empowering Women Through Livelihood Training
केवटी प्रखण्ड मुख्यालय में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 25 जीविका दीदियों को शौचालय निर्माण और मरम्मत में प्रशिक्षित करना है। यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण जीविका और यूनिसेफ बिहार के सहयोगी संस्था वाडस फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया है।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथियों के विचार | Empowering Women Through Livelihood Training
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी रुखसार ने उद्घाटन सत्र में कहा,
“रानी मिस्त्री बनने से महिलाएँ शौचालय निर्माण में माहिर हो रही हैं। इससे उन्हें रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। यह पहल महिलाओं को सशक्त बना रही है और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित कर रही है।”
बी.पी.एम मंतोष कुमार ने कहा,
“प्रशिक्षण मिलने के बाद ये दीदियाँ प्रखण्ड में टॉयलेट बनाएंगी और खराब टॉयलेट की मरम्मत करेंगी। इससे सार्वजनिक स्थलों पर चलने वाले टॉयलेट को बनाने में खर्च कम आयेगा और दीदियों को रोजगार भी मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें सफाई का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि रानी मिस्त्री दीदियाँ अब निजी स्तर पर भी टॉयलेट बनाएंगी और इसके बदले मेहनताना लेंगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की विशेषताएँ | Empowering Women Through Livelihood Training
प्रशिक्षण के लाभ:
- शौचालय निर्माण: महिलाओं को शौचालय निर्माण की तकनीकी जानकारी मिलेगी।
- मरम्मत का कौशल: खराब टॉयलेट की मरम्मत के लिए आवश्यक कौशल सिखाया जाएगा।
- स्वतंत्र रोजगार: प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिलाएँ निजी तौर पर भी टॉयलेट निर्माण कर सकेंगी।
प्रशिक्षण टीम और अन्य योगदानकर्ता | Empowering Women Through Livelihood Training
प्रशिक्षण कार्यक्रम में पटना से आये वाडस फाउंडेशन के सचिव शशि भूषण पाण्डेय, प्रोग्राम मैनेजर अश्विनी कुमार, और अन्य प्रमुख सदस्य भरत भूषण तिवारी, सुबलाल, सुबोध कुमार, और अजय कुंवर भी उपस्थित थे।
अंतिम विचार | Empowering Women Through Livelihood Training
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जीविका और वाडस फाउंडेशन की इस पहल से न केवल शौचालय निर्माण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी मजबूत बनाया जाएगा। यह पहल समाज में महिलाओं की भूमिका को और भी महत्वपूर्ण बनायेगी और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी।
Sitesh Choudhary
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