Animal Cruelty | सयानी घोष का संसद में धमाकेदार सवाल: सत्ता भी सन्न!

Animal Cruelty | संसद में टीएमसी सांसद सयानी घोष ने जानवरों पर हो रहे अत्याचार पर सवाल उठाया। अमित शाह और अन्य सांसद भी चौंक गए। जानें पूरी खबर यहाँ।


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Animal Cruelty | अमित शाह को भी चुप करवा दिया सयानी घोष ने!

नई दिल्ली: संसद में आज टीएमसी की सांसद सयानी घोष ने ऐसा सवाल उठाया कि सत्ता और विपक्ष दोनों ही चुप रह गए। उनके सवाल ने न केवल सांसदों को बल्कि गृह मंत्री अमित शाह को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। संसद में उठाए गए इस मुद्दे ने जानवरों पर हो रहे अत्याचार की गंभीरता को उजागर किया है।

सयानी घोष का सवाल: जानवरों पर अत्याचार | Animal Cruelty

सयानी घोष ने आज संसद में पशुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि:

  • पशुओं पर अत्याचार: “लगातार पशुओं पर अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। जो लोग रात के अंधेरे में कुत्ते और बिल्ली के बच्चों को मारते हैं, वे कल हमारे बच्चों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।”
  • कानूनी खामियां: घोष ने指出 किया कि हाल ही में बने कानून में भी कुछ खामियां हैं। विशेषकर, पशुओं को दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर, जो अपराधियों को सजा से बचने का अवसर देती है।

संसद में गूंजा घोष का सवाल | Animal Cruelty

संसद में घोष की इस बेबाकी से सभी सदस्य स्तब्ध रह गए। घोष ने डिजिटल पैड का इस्तेमाल करते हुए एक-एक शब्द पर ध्यान दिया और अपनी बात को स्पष्ट तरीके से रखा। उनके शब्दों ने न केवल स्पीकर को बल्कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी प्रभावित किया।

“सर, अगर आपके पास आवाज है, तो आपको इसे आवाजहीन के लिए उपयोग करना चाहिए। इसलिए आज मैं इस सदन का ध्यान जानवरों पर हो रहे अत्याचार की ओर आकर्षित करना चाहती हूं।”

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संसद में प्रस्तुत आंकड़े | Animal Cruelty

घोष ने अपने प्रश्न में कुछ प्रमुख आंकड़े भी प्रस्तुत किए:

  • 20000 मामले: भारत में पिछले 10 वर्षों में 20,000 से अधिक पशुओं पर अत्याचार के मामले दर्ज किए गए हैं।
  • 1135 मामले: 2022 और 2023 में भारत भर में 1135 मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जैसा कि एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने बताया।

कानूनी परिप्रेक्ष्य | Animal Cruelty

सयानी घोष ने 1960 के पशु क्रूरता निवारण कानून में संशोधन की मांग की। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट पीसी अमेंडमेंट बिल 2022 में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • 50000 रुपये जुर्माना: पशुओं पर क्रूरता के लिए 50,000 रुपये तक का जुर्माना और 1.3 साल की जेल।
  • 75000 रुपये जुर्माना: जानवर की हत्या के लिए 75,000 रुपये तक का जुर्माना और 3 से 5 साल की जेल।

घोष का दृष्टिकोण | Animal Cruelty

घोष ने कहा कि:

  • कानूनी प्रवर्तन: “हमारी चिंता यह है कि अभी भी कुछ शब्द कानून में हैं, जो अपराधियों को बचने का मौका देते हैं। इससे जानवरों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।”

अमित शाह की प्रतिक्रिया | Animal Cruelty

गृह मंत्री अमित शाह ने भी घोष के सवाल पर ध्यान दिया। हालांकि, उनकी प्रतिक्रिया अस्पष्ट रही, लेकिन उनके चेहरे पर स्पष्ट चिंता देखी जा सकती थी।

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आगे की राह | Animal Cruelty

घोष ने संसद से अपील की कि:

  • सामाजिक और आर्थिक विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कमी को दूर किया जाए, ताकि वहां के लोग और किसान बेहतर जीवन जी सकें।
  • कानूनी सुधार: पशुओं के प्रति क्रूरता के मामलों में सजा को सख्त किया जाए ताकि अपराधी बच न सकें और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सारांश | Animal Cruelty

सयानी घोष ने आज संसद में जिस तरह से पशुओं पर हो रहे अत्याचार को उठाया, उसने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे कानून को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

Sitesh Choudhary

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