Child Labor | दरभंगा में बाल श्रमिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, अब क्या होगा?
श्रम संसाधन विभाग ने दरभंगा में बाल श्रमिक को कराया विमुक्त
दरभंगा, 06 अगस्त, 2024 – श्रम अधीक्षक श्री किशोर कुमार झा ने आज जानकारी दी कि बहादुरपुर प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सुश्री सहाना प्रवीण के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण धावा अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य बाल श्रमिकों की पहचान कर उन्हें उनके शोषण से मुक्त करना था।
अभियान की प्रमुख बातें | Child Labor
- धावा दल की कार्रवाई: बहादुरपुर प्रखंड के विभिन्न दुकानों और प्रतिष्ठानों में श्रम प्रवर्तन दल ने सघन जांच की।
- विमुक्त बाल श्रमिक: इस अभियान के दौरान मंगलम स्वीट्स एंड नमकीन, देकुली बहादुरपुर से 01 बाल श्रमिक को विमुक्त किया गया।
- बाल कल्याण समिति की मदद: विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर उन्हें बाल गृह में भेजा गया है।
कानूनी कार्रवाई | Child Labor
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत, अब संबंधित थाने में नियोजक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
कानूनी प्रावधान:
- जुर्माना: बाल श्रमिकों से काम करवाने पर 20,000 रुपये से 50,000 रुपये तक का जुर्माना।
- सजा: दो वर्षों तक की कारावास की सजा का प्रावधान।
बाल श्रमिकों की सहायता | Child Labor
श्रम अधीक्षक ने बताया कि विमुक्त बाल श्रमिकों को निम्नलिखित सहायता प्रदान की जाती है:
- शैक्षणिक पुनर्वास: बाल श्रमिक को शैक्षणिक पुनर्वास प्रदान किया जाता है।
- तत्काल सहायता राशि: 3,000 रुपये की तत्काल सहायता राशि।
- मुख्यमंत्री राहत कोष: 25,000 रुपये की राशि एफडी में जमा की जाती है, जो अठारह वर्ष की आयु पूरी करने तक उपयोग की जा सकती है।
परिवार की सहायता | Child Labor
विमुक्त बाल श्रमिकों के परिवार को भी विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित किया जाता है। जिलाधिकारी की देखरेख में यह प्रक्रिया नियमित रूप से मॉनिटर की जाती है।
विगत की स्थिति | Child Labor
वित्तीय वर्ष 2024-25 में, दरभंगा जिले के विभिन्न प्रखंडों से धावा दल ने अब तक 09 बाल श्रमिकों को विमुक्त किया है और उनका पुनर्वास लगातार किया जा रहा है।
धावा दल की टीम | Child Labor
- सदस्य: प्रेम कुमार साह (श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, जाले), नीतीश कुमार (श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, किरतपुर), नारद मंडल कार्ड्स संस्था के नारायण कुमार मजमुदार और अन्य।
- प्रस्तावित योजनाएं: धावा दल नियमित रूप से सप्ताह में एक बार संचालित होगा और दरभंगा शहर सहित सभी अनुमंडल मुख्यालयों और प्रखंड मुख्यालयों में जांच की जाएगी।
उद्धरण: “बाल श्रमिकों से काम करवाना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत पूरी तरह से गैरकानूनी है। हम इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे।” – श्री किशोर कुमार झा, श्रम अधीक्षक
इस तरह के नियमित धावा अभियान और कठोर कानूनी कार्रवाई से उम्मीद है कि बाल श्रमिकों की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
Sitesh Choudhary
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