Smart Prepaid Meter घोटाला: मंत्री के घर पर नहीं लगा मीटर!

Smart Prepaid Meter | ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव के पटना और सुपौल आवासों पर स्मार्ट मीटर नहीं। जानें कैसे सरकारी नियम केवल जनता पर लागू होते हैं, अधिकारी खुद नहीं मानते।


Smart Prepaid Meter

Smart Prepaid Meter | बिजली नियमों की पोल: मंत्री के घर पर नहीं Smart Meter!

हद हो गई! Energy Minister Bijendra Yadav के घर पर ही नहीं लगा है Smart Prepaid Meter, देख लीजिए सबूत


पटना – बिहार में बिजली की समस्याओं और स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की स्थिति पर सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि ऊर्जा मंत्री Bijendra Yadav के सरकारी आवासों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट ने सरकारी नियमों और उनकी अनुपालन की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्मार्ट मीटर: जनता के लिए नियम, मंत्री के लिए छूट?

  • बिहार में सरकार ने लगभग 22 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का दावा किया है।
  • शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाना प्राथमिकता रही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है।
  • छ कंपनियों को मीटर लगाने का ठेका दिया गया है, जिसकी लागत करोड़ों में है।

कहानी में ट्विस्ट: ऊर्जा मंत्री Bijendra Yadav के पटना और सुपौल स्थित सरकारी आवासों पर स्मार्ट मीटर नहीं लगाया गया है। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट से प्राप्त हुई है।

पटना आवास पर बकाया बिल | Smart Prepaid Meter

  • आवास का पता: न्यू कैपिटल एरिया, स्टैंड रोड, पटना
  • खाता संख्या: 10 28 270
  • बकाया राशि: ₹6,12,295
  • बिल भुगतान की तिथि: 22 जनवरी 2024

उद्धरण:

“स्मार्ट मीटर में इतना बकाया हो ही नहीं सकता। अगर मीटर सही होता तो इतनी बड़ी राशि बकाया नहीं होती।”

सुपौल आवास पर स्थिति | Smart Prepaid Meter

  • आवास का पता: कृष्णा पुर रोड, वार्ड नंबर 4, सुपौल
  • खाता संख्या: 466 5601 01
  • बकाया राशि: ₹380
  • आखिरी बिल भुगतान की तिथि: 19 जनवरी 2024

उद्धरण:

“अगर स्मार्ट मीटर होता, तो 2.5 महीने से बिना रिचार्ज किए रहना संभव नहीं होता।”

विवाद और सरकारी जिम्मेदारी | Smart Prepaid Meter

  • अनुभव और जिम्मेदारी: ऊर्जा मंत्री Bijendra Yadav ने लंबे समय तक बिजली क्षेत्र में काम किया है और उनकी नेतृत्व में कई सुधार हुए हैं।
  • भ्रष्टाचार का आरोप: कुछ जगहों पर बिजली के उपकरण अप टू द मार्क नहीं होने के कारण समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, और इसके पीछे भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है।

प्रमुख बिंदु

  • स्मार्ट मीटर का महत्व: बिजली की खपत को सही ढंग से ट्रैक करने और रिचार्ज करने के लिए स्मार्ट मीटर का उपयोग महत्वपूर्ण है।
  • जनता और सरकारी अधिकारियों के बीच अंतर: क्या नियम केवल जनता के लिए होते हैं? यदि सरकारी अधिकारी और मंत्री नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो इसका संदेश जनता को क्या मिलेगा?

तालिका: पटना और सुपौल के बिजली बिल की स्थिति | Smart Prepaid Meter

आवास स्थानखाता संख्याबकाया राशिआखिरी भुगतान तिथि
पटना10 28 270₹6,12,29522 जनवरी 2024
सुपौल466 5601 01₹38019 जनवरी 2024

निष्कर्ष

स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थिति और उसकी अनुपस्थिति ने सरकारी नियमों की सच्चाई को उजागर किया है। यदि सरकार चाहती है कि जनता नियमों का पालन करें, तो इसे पहले अपने अधिकारियों और नेताओं से शुरू करना होगा। बिहार की बिजली समस्या और इसके समाधान के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सभी सरकारी संस्थानों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएं, जिससे जनता को प्रेरणा मिले और उन्हें विश्वास हो कि सरकारी नियम वास्तव में सभी के लिए समान हैं।

समाप्ति

आज की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी नियमों की वास्तविकता और उनके पालन में भारी अंतर है। जनता को सही दिशा में प्रेरित करने के लिए, सरकारी अधिकारियों को भी उन नियमों का पालन करना चाहिए जिन्हें वे खुद लागू कर रहे हैं।

Sitesh Choudhary

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