Reservation | जीतनराम मांझी ने NDA पर किया जबरदस्त हमला!

Reservation | जीतनराम मांझी का एनडीए सहयोगियों पर बड़ा हमला, आरक्षण और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर महत्वपूर्ण बयान। बिहार और झारखंड चुनाव की तैयारी पर चर्चा।


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Reservation | सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मांझी का खतरनाक खुलासा!

Jitanram Manjhi का NDA सहयोगियों पर गुस्सा, Reservation पर बड़ा बयान

पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने हाल ही में NDA के सहयोगियों पर तीखा हमला किया है। उनके बयान में बिहार में आरक्षण और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें उठाई गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया | Reservation

जीतनराम मांझी ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया जजमेंट का स्वागत करते हुए कहा:

“हम हर हालत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं। यह जजमेंट 10 साल पहले आना चाहिए था।”

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग स्वार्थी नजरिए से बात कर रहे हैं और इसका गलत मतलब निकाल रहे हैं।

आरक्षण और साक्षरता की स्थिति | Reservation

मांझी ने आरक्षण पर अपने विचार साझा किए और कहा कि:

  • साक्षरता का मानदंड: “साक्षरता एक मानदंड है और सबसे नीचे वर्ग के लोगों की साक्षरता दर 15% से भी कम है।”
  • आरक्षण का लाभ: “जो लोग पीछे हैं, उनकी शिक्षा और साक्षरता दर को ध्यान में रखते हुए आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।”

राजनीतिक स्थिति और आगामी चुनाव | Reservation

मांझी ने बिहार और झारखंड में आगामी चुनावों के लिए अपनी पार्टी की तैयारी पर भी बात की। उन्होंने कहा:

  • “विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी दल सक्रिय हैं। हमारी पार्टी भी रांची में बैठक कर रही है।”
  • “हमने 15 राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और बिहार तथा झारखंड में चुनाव लड़ने का संकल्प लिया है।”

NDA और आरक्षण पर नाराजगी | Reservation

चिराग पासवान की नाराजगी पर टिप्पणी करते हुए मांझी ने कहा:

  • “चिराग पासवान एससी और एसटी वर्ग के वर्गीकरण से नाराज हैं।”
  • “हम हर हाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।”

उपसंहार | Reservation

जीतनराम मांझी का यह बयान आरक्षण के मुद्दे पर एक नई बहस को जन्म देता है। उनके अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

विश्लेषण और भविष्य की राह | Reservation

सुप्रीम कोर्ट का यह जजमेंट आरक्षण और साक्षरता के मुद्दों पर विचार करने की आवश्यकता को उजागर करता है। राजनीतिक दलों और नेताओं के बीच इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा होना आवश्यक है ताकि सभी वर्गों के लोगों को न्याय मिल सके।

तालिका: अनुसूचित जातियों की साक्षरता दर | Reservation

जातिसाक्षरता दर (%)
भुईया15
मुसहर12
डोम14
मेहतर13

उद्धरण:

“हिंदुस्तान आस्था का देश है। यहाँ किसी के आस्था से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।” – जीतनराम मांझी

Sitesh Choudhary

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