Reservation Dispute | बिहार में आरक्षण की जंग: चिराग पासवान और मांझी आमने-सामने
Chirag Paswan और Jitanram Manjhi में Reservation को लेकर हुआ मतभेद, NDA में होगी रार?
बिहार की राजनीति में नया विवाद | Reservation Dispute
बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। Chirag Paswan और Jitanram Manjhi के बीच Reservation को लेकर मतभेद सामने आए हैं, जो कि NDA के अंदर गहरी दरार पैदा कर सकते हैं।
प्रमुख बिंदु | Reservation Dispute
- Reservation विवाद: Chirag Paswan और Jitanram Manjhi के बीच आरक्षण को लेकर मतभेद
- सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: कोर्ट ने बिहार सरकार की आरक्षण व्यवस्था को समर्थन दिया
- नीतीश कुमार की भूमिका: बिहार में नीतीश कुमार ने 2011 में आरक्षण व्यवस्था लागू की थी
- भीमराव अंबेडकर की दृष्टि: अंबेडकर ने आरक्षण की समीक्षा की बात की थी
विवाद का कारण | Reservation Dispute
चिराग पासवान ने हाल ही में आरोप लगाया है कि Jitanram Manjhi आरक्षण के मामले में स्वार्थी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। पासवान का कहना है कि:
“सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हमारे समर्थन में है, और बिहार सरकार की आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा होनी चाहिए।”
वहीं, Jitanram Manjhi का तर्क है कि:
“आरक्षण की समीक्षा और पुनर्विचार में फर्क है। अंबेडकर ने भी 10 वर्षों में समीक्षा की बात की थी, लेकिन आज 76 साल हो गए हैं, हमने कुछ नहीं किया।”
सुप्रीम कोर्ट का फैसला | Reservation Dispute
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की आरक्षण व्यवस्था को उचित ठहराया है, जो कि:
- Scheduled Castes (SCs): अति पिछड़ा वर्ग
- Scheduled Tribes (STs): पिछड़ा वर्ग
- Other Backward Classes (OBCs): महादलित वर्ग
नीतीश कुमार ने 2011 में इस व्यवस्था को लागू किया था, जिसे कोर्ट ने भी मान्यता दी है।
आरक्षण की समीक्षा की आवश्यकता | Reservation Dispute
चिराग पासवान ने अपने बयान में यह भी कहा:
“आरक्षण की व्यवस्था का लाभ कुछ लोगों ने उठाया है, लेकिन जिनकी साक्षरता दर बहुत कम है, उनके लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए।”
साक्षरता की स्थिति पर ध्यान दें:
जाति | साक्षरता दर (%) |
---|---|
SCs | 30-32 |
STs | 15-20 |
इस डेटा से स्पष्ट है कि कई जातियों की साक्षरता दर अभी भी बहुत कम है और उनकी स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।
राजनीतिक प्रभाव | Reservation Dispute
इस विवाद का NDA पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। अगर दोनों नेताओं के बीच मतभेद जारी रहते हैं, तो इससे एनडीए की एकता में कमी आ सकती है।
अंतिम टिप्पणी | Reservation Dispute
Chirag Paswan और Jitanram Manjhi के बीच आरक्षण को लेकर हो रहे मतभेद, एक ओर जहां राजनीतिक गतिरोध को बढ़ा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी दर्शाते हैं कि आरक्षण की व्यवस्था की समीक्षा की आवश्यकता है।
अभी यह देखना होगा कि इस विवाद का अंत किस दिशा में होगा और इसका असर बिहार की राजनीति पर कैसे पड़ेगा।
निष्कर्ष | Reservation Dispute
वर्तमान में बिहार की राजनीति में Reservation को लेकर चल रही बहस, एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है। इसके समाधान की दिशा में आगे के फैसले निश्चित रूप से बिहार की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करेंगे।
Sitesh Choudhary
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