Prashant Kishore Bihar Politics | लालू-नीतीश का राज खत्म?
Lalu Yadav- Nitish Kumar के वोट बैंक पर Prashant Kishore की नजर, ऐसे कर देंगे खेल
मुख्य बिंदु:
- भविष्य के लिए नई शुरुआत
- प्रशांत किशोर का राजनीतिक उद्देश्य
- जनता की राजनीतिक मजबूरी का अंत
भविष्य के लिए नई शुरुआत | Prashant Kishore Bihar Politics
पटना, बिहार: बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आने वाला है। प्रशांत किशोर, जिन्होंने पहले विभिन्न दलों को सलाह दी थी, अब बिहार की जनता को एक नई दिशा देने की तैयारी में हैं। उनके अनुसार, 2 अगस्त को बिहार के एक करोड़ लोग एक साथ आकर एक नए दल की नींव रखेंगे। यह घटना बिहार के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हो रही है जब जनता खुद एक दल की स्थापना करेगी।
प्रशांत किशोर का राजनीतिक उद्देश्य | Prashant Kishore Bihar Politics
प्रशांत किशोर ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम बिहार के लोगों को राजनीतिक बंधुआ मजदूरी से मुक्त करना चाहते हैं। पिछले 30 वर्षों से बिहार में जिन नेताओं का वर्चस्व रहा है, उन्हें जनता के डर और मजबूरी का फायदा मिला है। अब समय आ गया है कि लोग एक नई शुरुआत करें।”
उनके अनुसार, “लालू यादव और नीतीश कुमार के शासन के दौरान बिहार की जनता को डर और भ्रम में रखा गया। लोगों को यह विश्वास दिलाया गया कि बिना पैसे और साधनों के चुनाव नहीं लड़ा जा सकता। लेकिन अब हम इस भ्रम को तोड़ना चाहते हैं।”
जनता की राजनीतिक मजबूरी का अंत | Prashant Kishore Bihar Politics
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि “बिहार में मुस्लिम समाज को लालू यादव और नीतीश कुमार के शासन के बावजूद बीजेपी के डर से वोट देना पड़ा। अब लोग यह समझ चुके हैं कि उनके पास बेहतर विकल्प है। इसीलिए, 2 अगस्त को एक करोड़ लोग एक साथ आएंगे और एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना करेंगे।”
उन्होंने कहा, “जो डर लोगों के मन में बैठा दिया गया था कि जाति और संसाधनों की कमी के कारण चुनाव नहीं लड़ा जा सकता, अब वह खत्म हो जाएगा। हम बिहार के हर व्यक्ति को यह महसूस कराना चाहते हैं कि वह भी अपनी आवाज उठा सकता है।”
सात बड़ी बैठकें और उनके परिणाम | Prashant Kishore Bihar Politics
प्रशांत किशोर ने बताया कि उनकी योजना के तहत 28 जुलाई से लेकर 2 अगस्त तक सात बड़ी बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में 1.5 लाख से अधिक लोग शामिल होंगे, जो युवा क्लब चला रहे हैं या संगठन चला रहे हैं। इन बैठकों के जरिए प्रशांत किशोर का उद्देश्य यह है कि बिहार के लोग एक नई राजनीतिक दिशा की ओर अग्रसर हों।
तालिका: बिहार की राजनीति में प्रमुख दलों का प्रभाव | Prashant Kishore Bihar Politics
दल का नाम | प्रभाव क्षेत्र | मतदाता वर्ग | मुख्य नेता |
---|---|---|---|
राजद (RJD) | पिछड़े वर्ग, मुस्लिम समाज | 25% | लालू यादव |
जद (यू) | सवर्ण वर्ग, अन्य समुदाय | 20% | नीतीश कुमार |
भाजपा (BJP) | उच्च जाति वर्ग, व्यापारिक वर्ग | 30% | नरेंद्र मोदी |
नया दल (प्रस्तावित) | सम्पूर्ण बिहार | 25% | प्रशांत किशोर |
उद्धरण:
प्रशांत किशोर ने कहा, “हम बिहार में एक नई शुरुआत के लिए तैयार हैं। यह केवल एक दल की स्थापना नहीं है, बल्कि बिहार के लोगों के लिए एक नया अवसर है। 2025 में बिहार में जनता का राज होगा, यह हमारा संकल्प है।”
भविष्य की ओर एक कदम | Prashant Kishore Bihar Politics
प्रशांत किशोर का यह प्रयास बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है। उनका उद्देश्य न केवल बिहार के लोगों को एक नई दिशा देना है, बल्कि पुराने दलों की राजनीति से निजात दिलाना भी है। क्या यह नई शुरुआत बिहार की राजनीति को एक नई दिशा दे पाएगी? इसके लिए 2 अगस्त की तारीख को देखा जाएगा।
सूचना:
इस लेख में दिए गए विचार और आंकड़े पत्रकार की व्यक्तिगत राय हैं और इसका उद्देश्य बिहार की राजनीति में हो रहे बदलाव को दर्शाना है।
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Sitesh Choudhary
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