Cultural Workshop | गोलाघाट में 7 दिन के कोच राजबोंगशी कला का जादू

Cultural Workshop | गोलाघाट में 7 दिवसीय कोच राजबोंगशी लोक नृत्य, गीत और वाद्ययंत्रों पर प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन। सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण प्रयास।


Cultural Workshop

Cultural Workshop | गोलाघाट में सांस्कृतिक धमाका: 7 दिवसीय लोक नृत्य महोत्सव

गोलाघाट में कोच राजबोंगशी लोक नृत्य और संगीत प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन

गोलाघाट, असम – असम के गोलाघाट जिले में स्थित श्रीमंत शंकरज्योति क्षेत्रीय कला मंच में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक चलने वाली 7 दिवसीय कोच राजबोंगशी लोक नृत्य, गीत और वाद्ययंत्रों पर प्रशिक्षण कार्यशाला आज सफलतापूर्वक समाप्त हो गई। इस कार्यक्रम ने स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

कार्यक्रम की विशेषताएँ | Cultural Workshop

  • स्थान: श्रीमंत शंकरज्योति क्षेत्रीय कला मंच, लक्ष्मीबाड़ी, गोलाघाट
  • तिथि: 28 जुलाई – 3 अगस्त 2024
  • आयोजक: कोच राजबोंगशी विकास परिषद, असम सरकार, कोच राजबोंगशी सांस्कृतिक सोसायटी

कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु | Cultural Workshop

  • संगठन: कार्यक्रम को गोलाघाट जिला कोच राजबोंगशी एसोसिएशन, महिला संघ और युवा छात्र संघ के सहयोग से आयोजित किया गया।
  • उद्देश्य: लोक नृत्य, गीत और वाद्ययंत्रों के प्रशिक्षण के माध्यम से सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन।
  • प्रशिक्षण: 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में स्थानीय विशेषज्ञों ने कोच राजबोंगशी लोक कला के विभिन्न पहलुओं पर कार्यशाला संचालित की।

प्रशिक्षण कार्यशाला की झलकियाँ | Cultural Workshop

  • लोक नृत्य: कोच राजबोंगशी लोक नृत्य की विभिन्न शैलियों का अभ्यास।
  • लोक गीत: पारंपरिक लोक गीतों की प्रस्तुति और उनके गायन की तकनीकें।
  • वाद्ययंत्र: लोक वाद्ययंत्रों का उपयोग और उनकी धुनें।

महिबुर रहमान की रिपोर्ट | Cultural Workshop

“यह कार्यक्रम स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का एक बेहतरीन प्रयास था। प्रशिक्षकों ने अपने अनुभव और कला के प्रति प्रेम को छात्रों में संचारित किया।” – महिबुर रहमान

कार्यक्रम का आयोजन | Cultural Workshop

कोच राजबोंगशी विकास परिषद और कोच राजबोंगशी सांस्कृतिक सोसायटी के सहयोग से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें गोलाघाट जिले के विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस कार्यशाला ने स्थानीय कला प्रेमियों और युवाओं को एक मंच प्रदान किया, जहाँ वे अपनी कला को सहेजने और सीखने का अवसर प्राप्त कर सके।

समापन समारोह | Cultural Workshop

समापन समारोह में स्थानीय प्रतिनिधियों और सांस्कृतिक नेताओं ने भाग लिया। समारोह के दौरान, प्रशिक्षण में शामिल छात्रों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया और प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया।

समापन के उद्धरण: | Cultural Workshop

“इस तरह के कार्यक्रम न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को अपने परंपरागत कला रूपों से जोड़ते हैं। हम भविष्य में भी इसी तरह के आयोजनों के लिए प्रतिबद्ध हैं।” – आयोजक

भविष्य की योजनाएँ | Cultural Workshop

कोच राजबोंगशी सांस्कृतिक सोसायटी ने भविष्य में इस तरह के और भी कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। इन आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने और उसे नई पीढ़ी के बीच लोकप्रिय बनाने का प्रयास जारी रहेगा।

निष्कर्ष | Cultural Workshop

गोलाघाट में आयोजित 7 दिवसीय कोच राजबोंगशी लोक नृत्य, गीत और वाद्ययंत्रों पर प्रशिक्षण कार्यशाला ने सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस कार्यक्रम ने स्थानीय सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजने और उन्हें प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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Sitesh Choudhary
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