Probation of Offenders Act 1958 पर कार्यशाला आयोजित
मुख्य हाइलाइट्स:
- स्थान: मिथिला चित्रकला संस्थान सभागार, सौराठ
- तारीख: शनिवार
- अध्यक्षता: जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी.
- उपस्थित: अपर समाहर्ता शैलेश कुमार, मिथिला चित्रकला संस्थान के निदेशक, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश
कार्यशाला का उद्देश्य: | Probation of Offenders Act 1958
“प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट 1958” पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विधिवत् शुरुआत जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी., अपर समाहर्ता मधुबनी शैलेश कुमार, मिथिला चित्रकला संस्थान के निदेशक, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु: | Probation of Offenders Act 1958
- प्रस्तावना:
- प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट, 1958 पर चर्चा।
- कानून के तहत अपराधियों को सुधारने के उपाय।
- अध्यक्षीय भाषण:
- जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी. ने कहा, “इस एक्ट का उद्देश्य अपराधियों को समाज में पुनः एकीकृत करना है।”
- विशेषज्ञों के विचार:
- अपर समाहर्ता शैलेश कुमार ने कहा, “इस एक्ट के तहत हम अपराधियों को सुधारने के लिए सकारात्मक कदम उठा सकते हैं।”
संबंधित जानकारी: | Probation of Offenders Act 1958
- डेंगू से बचाव के उपाय:
- “डेंगू से बचाव ही है सर्वोत्तम उपाय।”
- सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा जारी निर्देश।
- आपातकालीन स्थिति में संपर्क:
- “डरें नहीं, डायल करें 112 पर।”
- गृह विभाग, बिहार सरकार की ओर से संदेश।
समाचार की विस्तृत जानकारी: | Probation of Offenders Act 1958
कार्यशाला की शुरुआत:
मिथिला चित्रकला संस्थान के सभागार में शनिवार को आयोजित इस कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इस दौरान विभिन्न न्यायिक अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और इस महत्वपूर्ण विधायी पहल पर चर्चा की।
कार्यशाला के उद्देश्य:
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट, 1958 के अंतर्गत सुधारात्मक उपायों पर विचार-विमर्श करना था। कानून के तहत अपराधियों को सामाजिक सुधार की दिशा में कदम उठाने पर जोर दिया गया।
संबंधित विषय: डेंगू से बचाव | Probation of Offenders Act 1958
डेंगू की बढ़ती समस्या को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट किया कि सावधानी ही डेंगू से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है।
आपातकालीन सेवाएं:
आपातकालीन स्थिति में 112 पर संपर्क करने की सलाह दी गई। गृह विभाग ने लोगों को इस नंबर पर संपर्क करने की सलाह दी है ताकि तत्काल सहायता प्राप्त की जा सके।
तालिका: कार्यशाला के मुख्य बिंदु | Probation of Offenders Act 1958
बिंदु | विवरण |
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कार्यक्रम का नाम | प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट 1958 पर कार्यशाला |
स्थान | मिथिला चित्रकला संस्थान सभागार, सौराठ |
तारीख | 02 अगस्त 2024 |
अध्यक्ष | जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी. |
उपस्थित अधिकारी | अपर समाहर्ता शैलेश कुमार, मिथिला चित्रकला संस्थान के निदेशक, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश |
मुख्य बिंदु | सुधारात्मक उपाय, समाज में पुनः एकीकरण |
सारांश: | Probation of Offenders Act 1958
इस कार्यशाला के माध्यम से प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट 1958 की महत्वता पर जोर दिया गया और इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुझाव दिए गए। साथ ही, डेंगू से बचाव के उपायों पर भी प्रकाश डाला गया। आपातकालीन सेवाओं के बारे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई।
कोट्स:
- “प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट का उद्देश्य अपराधियों को समाज में पुनः एकीकृत करना है।” – जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी.
- “डेंगू से बचाव के लिए सावधानी ही सबसे अच्छा उपाय है।” – स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार
निष्कर्ष: | Probation of Offenders Act 1958
इस कार्यशाला ने कानून और स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। समाज के विभिन्न वर्गों को सुधारात्मक उपायों और स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
Sitesh Choudhary
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