Construction Scandal | छत की ढलाई पर बवाल, ग्रामीणों ने रोका ठेकेदार का काम
निर्माणाधीन स्वास्थ्य केन्द्र में अनियमितता का आरोप: ग्रामीणों ने रोका काम
कुशीनगर – विकास खण्ड हाटा के ग्राम पंचायत बड़हरा में निर्माणाधीन स्वास्थ्य उपकेन्द्र में गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने काम रोक दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने मानकों की अनदेखी की है, जिससे भवन की संरचना पर खतरा हो सकता है।
मुख्य बिंदु:
- ग्राम पंचायत बड़हरा में निर्माणाधीन स्वास्थ्य केन्द्र का मामला।
- ठेकेदार पर गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कराने का आरोप।
- ग्रामीणों ने काम रोककर तकनीकी जांच की मांग की।
निर्माणाधीन भवन में अनियमितता का आरोप | Construction Scandal
ग्राम पंचायत बड़हरा के ग्रामीणों ने निर्माणाधीन स्वास्थ्य केन्द्र की छत में आरसीसी ढलाई में छड़ की दूरी को लेकर नाराजगी जाहिर की। ग्रामीणों के अनुसार, छत की ढलाई में मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। श्रीप्रकाश, चन्दन, सुरेश चौहान, इन्द्रजीत गौड़, और रामरतन सिंह समेत दर्जनों ग्रामीणों ने निर्माण स्थल पर हंगामा खड़ा कर दिया और काम रोक दिया।
उठाए गए मुद्दे:
- छड़ की दूरी: छत के लिए बिछाए गए छड़ की दूरी 12 इंच थी, जो मानकों के अनुरूप नहीं है।
- गुणवत्ता का सवाल: नींव स्तर से ही घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया, जिसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों से की गई थी।
स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण के लिए स्वीकृत धनराशि | Construction Scandal
स्वास्थ्य उपकेन्द्र के निर्माण के लिए शासन से लगभग 30 लाख रुपए धनराशि स्वीकृत हुई थी। यह उपकेन्द्र ANM सेंटर के रूप में तैयार किया जा रहा है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर भी हो चुका है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे भवन की स्थायित्व पर सवाल उठ रहे हैं।
विवरण | विवरण |
---|---|
स्वीकृत धनराशि | ₹30 लाख |
निर्माण कार्य | स्वास्थ्य उपकेन्द्र (ANM) |
मुख्य शिकायत | घटिया सामग्री का प्रयोग |
ग्रामीणों की मांग | Construction Scandal
ग्रामीणों की मांग है कि निर्माण कार्य की तकनीकी जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि जब तक जांच नहीं होती और स्टीमेट के अनुसार छड़ की बधाई नहीं की जाती, तब तक छत की ढलाई नहीं होने दी जाएगी।
उद्धरण:
“हम अब और अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगे। जब तक तकनीकी जांच और कार्रवाई नहीं होगी, तब तक हम ढलाई का काम नहीं होने देंगे।” – सुरेन्द्र सिंह उर्फ सुरेश सिंह, प्रधान प्रतिनिधि
निर्माण कार्य में अनियमितता: क्या कहता है कानून? | Construction Scandal
स्वास्थ्य केन्द्रों और अन्य सार्वजनिक भवनों के निर्माण में मानकों का पालन अनिवार्य होता है। गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। अगर ग्रामीणों के आरोप सही साबित होते हैं, तो ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और गुणवत्ता में कमी आने वाले वर्षों में गंभीर परिणाम दे सकती है।
अधिकारियों की भूमिका | Construction Scandal
विभागीय अधिकारियों को ग्रामीणों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच करानी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि निर्माण कार्य में मानकों का पालन हो और निर्माण कार्य गुणवत्ता के अनुरूप हो। यदि आवश्यक हो, तो नई निविदा प्रक्रिया के माध्यम से उचित ठेकेदार का चयन किया जाना चाहिए।
समाप्ति | Construction Scandal
ग्रामीणों के विरोध के बाद, यह मामला अब जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के समक्ष आ गया है। जांच की दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना होगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि ग्रामीण अब किसी भी तरह की अनियमितता को सहन नहीं करेंगे।
इस मामले में आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन यह घटना सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता के महत्व को फिर से उजागर करती है।
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